वहीं जहां किसान को व्यापारी धान सूखे होने के बावजूद नमी और घलता के नाम पर जमकर शोषण कर रहे हैं वहीं मुरलीगंज प्रखंड के दिग्घी, सिंगयान, रजनी, गंगापुर, कोल्हायपट्टी डुमरिया, रघुनाथपुर रामपुर, जोरगामा, नाढी, तमौट परसा, दीनापट्टी सखुआ, बेलो, भतखोड़ा, जीतापुर, पोखराम, परमानंदपुर, मुरलीगंज नगर पंचायत में अब तक शुरू भी नहीं हो पाई है.
किसान चंदन कुमार ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण धान समय पर कटनी की गई है. खेत रबी की फसल के लिए तैयार है. रबी की खेतों की बुवाई के लिए पैसे की आवश्यकता है. खाद, बीज, यूरिया, डीएपी कहां से लाएंगे, रबी की खेती के लिए मोटी रकम की आवश्यकता होती है. कोई फर्टिलाइजर दुकानदार खाद बीज उधार नहीं देता है.
वहीं अधिप्राप्ति को लेकर आधी अधूरी तैयारी की गई है, जिसका नतीजा है कि किसान खुले बाजार में औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि धान की कटनी के बाद तुरंत रबी की बुआई करनी होती है. उसके लिए खेत तैयार करने, बीज, खाद, जुताई के लिए रुपये की आवश्यकता होती है.
पैक्स के भरोसे रहेंगे तो रुपये के अभाव में सही समय पर रबी की खेती नहीं हो पाएगी. इसलिए खुले बाजार में धान बेचने के लिए मजबूर हैं.
एक नवंबर से धान अधिप्राप्ति शुरू की गई है. इसमें सहकारिता विभाग ने पैक्स का चयन कर पैक्सवार लक्ष्य तैयार किया है.
राइस मिल ने पैक्स से खरीदे गए धान का चावल तैयार करने के लिए एसएफसी से एग्रीमेन्ट कराया हुआ है या नहीं इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन अभी तक इन राइस मिल का भौतिक सत्यापन तक नहीं किया गया है. जिसके कारण पैक्सों का टैग राइस मिल से नही किया गया है.
दो पैक्स हरिपुर कला और पड़वा नवटोल में एक नवंबर से ही खरीद की गई धान के फसल की पैसे किसान के खाते में नहीं दिए गए हैं.
वहीं मामले में मुरलीगंज प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि सोमवार से मुरलीगंज प्रखंड के सभी शेष 15 पैक्स धान की खरीद शुरू हो जाएगी. अभी तक हम लोग पुराने लक्ष्य पर ही धान खरीद की तैयारी शुरू करने कर दिए हैं. नया लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 11, 2022
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