JNKTMCH: स्थापना काल से कितना बदला है मधेपुरा का जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल?

मधेपुरा में 800 करोड़ की लागत से बना जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थापना काल से ही विभिन्न संसाधनों की कमी का रोना रो रहा है, खासकर नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन और चिकित्सकों की घोर कमी है,भले ही बिहार में बदल गई सरकार लेकिन मधेपुरा में 5 स्टार जैसे बना जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का आज तक नहीं बदल सका. संसाधन की कमी का रोना रो रहे हैं अस्पताल प्रबंधन. 

अस्पताल में क्षमता के मुताबिक अस्पताल में करीब चिकित्सकों का पद 307 बताये जा रहे हैं, लेकिन पदस्थापित महज मात्र 150 ही हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ का पद, 243 सृजित है लेकिन महज मात्र 172 पदस्थापित हैं . अगर हम अस्पताल में लगे आधुनिक सिस्टम की बात करें तो काफी महंगे महंगे बेशकीमती मशीन भी लगे हैं, लेकिन उसे चलाने वाले स्टाफ और टेक्नीशियन की घोर कमी है जिस कारण मरीजों की जांच समय पर संभव नहीं हो पा रहा है. स्टाफ की कमी के कारण कई कीमती मशीन अस्पताल में शोभा की वस्तु ही साबित हो रहा है. 

हालांकि स्थापना काल के बाद पिछले तीन वर्षों अस्पताल की सूरत लगभग बदली है. पहले एक भी एंबुलेंस नहीं था, अब अस्पताल में करीब दो लाइफ सपोर्ट स्पोर्ट एंबुलेंस के अलावे तीन अन्य एंबुलेंस मौजूद हैं, अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यहां मेडिसीन की कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी अस्पताल में इलाजरत मरीजों को बाहर से दवाई खरीदनी ही पड़ती है. 

अस्पताल में बेहतर ब्लड बैंक की स्थापना पिछले 21 सितंबर को की गई है जो कोसी और सीमांचल के किसी अस्पताल में नहीं है. बताया जा रहा है कि पहले ब्लड बैंक नहीं रहने से मरीजों साधारण ब्लड चढ़ाया जाता था लेकिन अब हर प्रकार की ब्लड उपलब्ध है. इतना हीं नहीं एक साथ तीन गंभीर मरीजों की जान बचाया जा सकता है और जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से इतर मरीजों को कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. ब्लड बैंक के सीनियर लैब टेक्नीशियन सुभाष कुमार की माने तो सिस्टम काफी बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है, कहीं कोई परेशानी नहीं है . 

स्थापना काल के बाद पिछले तीन वर्षो में कितनी बदली है अस्पताल की सूरत इसको लेकर हमने स्थानीय लोगों से भी बात की. स्थानीय लोगों की माने तो पूर्व की तुलना में आज अस्पताल की सूरत काफी बदली है. लोग बताते हैं स्थापना काल के दौरान अस्पताल को एक एंबुलेंस भी नहीं था, मरीज जुगार टेक्नोलॉजी एंबुलेंस के सहारे अस्पताल पहुंचते थे लेकिन आज एक नहीं 5 एंबुलेंस भी हैं.. कम संसाधन के बावजूद भी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है और इन्हें उम्मीद हीं नहीं बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजश्वी यादव से अपेक्षा है अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था में और सुधार होगा. 

वहीं अस्पताल के अधीक्षक कृष्ण नंदन प्रसाद बताते हैं संसाधनों की घोर कमी के वावजूद भी हम लोग अस्पताल में आने वाले मरीजों को हर तरह की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. एमआईआर जांच के इतर यहां सभी प्रकार की जांच की व्यवस्था है. मेडिसीन की भी कोई कमी नहीं है. नए सिरे से ब्लड बैंक का भी गठन किया जा चुका है.अन्य सुविधा को लेकर विभाग को कई बार पत्राचार किया गया है जल्द अन्य सुविधा भी मुहैया हो जाएगा. 

उन्होंने कहा की अस्पताल में 307 चिकित्सक के पद सृजित हैं, लेकिन सभी विभागों को मिलाकर 125 ही कार्यरत हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ के 243 पद का सृजन है, जहां मात्र 172 कार्यरत हैं और हेल्थ मैनेजर का 11 पद सृजन है जहां पदस्थापन शून्य है. साथ ही क्लर्क के 35 पद हैं और ड्रेसर के 10 पद सृजित हैं लेकिन बहरहाल पदस्थापन शून्य है. उन्होंने कहा कि स्थापना काल के बाद आज स्थिति काफी बदली है आगे और भी बदलेगा. इसमें सरकार के अलावे स्थानीय लोगों का जनसहयोग आवश्यक है. 

JNKTMCH: स्थापना काल से कितना बदला है मधेपुरा का जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल? JNKTMCH: स्थापना काल से कितना बदला है मधेपुरा का जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 09, 2022 Rating: 5

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