बस यादें ही सहारा: मुश्किल हो रहा है परिवार का भावे बाबू को भुलाना

जो लोग मधेपुरा के इस बेहद सरल ह्रदय और हमेशा खुश दिखने वाले व्यक्तित्व भावे बाबू को करीब से जानते रहे, उनके लिए डॉ. ओम प्रकाश जिन्हें लोग भावे बाबू के नाम से ही जानते थे, को भुला पाना सहज नहीं होगा.

 मधेपुरा जिले के रानीपट्टी निवासी (निज आवास विद्यापुरी वार्ड नं. 18, मधेपुरा) का मंगलवार 27 सितंबर को ब्रेन हेमरेज की वजह से निधन हो गया. वे ह्रदय रोग के भी मरीज थे और पेसमेकर के सहारे भी थे. वे लगभग 66 वर्ष के थे. मधेपुरा के कॉमर्स कॉलेज में वे डेमोंसट्रेटर के पद पर थे और उन्होंने भौतिकी से पी.एच.डी. भी किया था. वर्ष 2018 में उन्होंने अवकाश ग्रहण किया था.

उन्हें जानने वालों ने जहाँ उन्हें भीगी आँखों से श्रद्धांजलि दी, वहीँ दुःख का पहाड़ अपने पीछे छोड़ गई धर्मपत्नी श्रीमती नीलू कुमारी और एकलौती संतान पुत्र अमित पर टूट पड़ा. डॉ. अमित मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा में भौतिकी विभाग में सहायक प्राचार्य के पद पर हैं.

(नि. सं.)


बस यादें ही सहारा: मुश्किल हो रहा है परिवार का भावे बाबू को भुलाना बस यादें ही सहारा: मुश्किल हो रहा है परिवार का भावे बाबू को भुलाना Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 06, 2022 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.