'जिला प्रशासन द्वारा निर्णय के चार माह बाद भी इंटर, मैट्रिक के टॉपर्स का सम्मान नहीं होना दुखद': राठौर

मधेपुरा जिले में पहली बार इंटर के रिजल्ट में राज्य स्तर पर टॉप टेन में मधेपुरा के तीन छात्रों ने जगह बनाई जो जिले के लिए गौरव का विषय बना. वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने डीएम को पत्र लिख कर इन प्रतिभाओं को सम्मानित करने की मांग उठाई थी. बाद में तीस अप्रैल को झल्लू बाबू सभागार में अपर समाहर्ता शिव कुमार शैव की अध्यक्षता में हुई जिला प्रशासन की बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय भी लिया गया था कि नौ मई को मधेपुरा स्थापना दिवस पर इंटर व मैट्रिक परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को अधिकृत करते हुए छात्रों का बायोडाटा जिला नजारत उप समाहर्ता को उपलब्ध कराना था. जिसके बाद जिला नजारत उप समाहर्ता को पुरस्कार की सारी व्यवस्था करनी थी. 

जबकि जिला स्थापना दिवस पर उन्हें सम्मानित नहीं किया गया. बी.पी. मंडल जयंती पर भी इन्हें भुला दिया गया. न ही कोई विशेष समारोह इनके सम्मान में आयोजित हो सका. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन ने दलील दी कि कतिपय तैयारी के अभाव में स्थापना दिवस पर इन प्रतिभाओं का सम्मान हो पाना सम्भव नहीं हो सका. उक्त बैठक व निर्णय के साढ़े चार माह गुजर जाने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा उन विलक्षण प्रतिभाओं को सम्मानित नहीं किए जाने पर एआईएसएफ ने डीएम को पत्र लिख इसे दुखद बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई है और कहा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी बनी कि जिला प्रशासन स्टेट के टॉप टेन में शामिल तीन छात्रों को सम्मानित करने में भी खुद को सक्षम नहीं पा रही. 

एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि दुखद है कि विगत कुछ वर्षों में जिला प्रशासन की नीति इतनी ढुलमुल हो गई है कि स्मारिका प्रकाशन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद की उत्सवी व सामाजिक बंधनों को मजबूत करने वाली परम्परा खत्म होने के कगार पर है. अब आलम यह होने लगा कि जिला बनने के चालीस साल के इतिहास में पहली बार टॉप टेन में तीन छात्रों के जगह बनाने के बाद भी जिला प्रशासन उन्हें सम्मानित करने में मुस्तैदी नहीं दिखा पा रहा. राठौर ने कहा कि दीपिका जहां मैट्रिक में जिले में पहले स्थान पर रही, वहीं रितिका ने इंटर में राज्य स्तर पर टॉप 3 में जगह बनाकर मधेपुरा का गौरव बढ़ाया. साथ ही दो अन्य छात्रों ने भी टॉप टेन में जगह बनाई. ऐसी प्रतिभाओं का वृहद स्तर पर सम्मान समारोह होना चाहिए था, जिससे अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलती.

राठौर ने जिला प्रशासन की नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि धीरे-धीरे पदाधिकारियों के आगे पीछे करने वालों के पीठ पोछने की परम्परा बढ़ने लगी है और विगत कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में जिले को गौरवान्वित करने वालों को नजरंदाज किया जा रहा है. एआईएसएफ उसे कतई बर्दास्त नहीं करेगा. जिला प्रशासन को एक सप्ताह का समय देते हुए राठौर ने कहा कि अगर जिला प्रशासन ने सम्मानपूर्वक उक्त सफल छात्रों को बुलाकर सम्मान समारोह आयोजित करते हुए सम्मानित नहीं किया तो एआईएसएफ एक वृहद कार्यक्रम आयोजित कर उनकी सराहनीय उपलब्धि को सलाम करते हुए उन्हें सम्मानित करेगा.

(नि. सं.)

'जिला प्रशासन द्वारा निर्णय के चार माह बाद भी इंटर, मैट्रिक के टॉपर्स का सम्मान नहीं होना दुखद': राठौर 'जिला प्रशासन द्वारा निर्णय के चार माह बाद भी इंटर, मैट्रिक के टॉपर्स का सम्मान नहीं होना दुखद': राठौर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 19, 2022 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.