बैठक में राज्य कमेटी सदस्य सहरसा जिला अध्यक्ष गुड़िया कुमारी, मधेपुरा जिला अध्यक्ष अर्चना कुमारी, जिला महासचिव बेबी कुमारी, जिला कोषाध्यक्ष विभा कुमारी, जिला उपाध्यक्ष अनुराधा रानी, शंकरपुर प्रखंड उपाध्यक्ष किरण भारती मुख्य रूप से मौजूद थे.
बैठक में पदाधिकारियों की मनमानी एवं आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की समस्या को लेकर विशेष रूप से विचार विमर्श किया गया. बैठक में बताया गया कि विभागीय पदाधिकारियों की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है. आंगनबाड़ी सेविकाओं का कार्यवाही करने के नाम पर आर्थिक एवं मानसिक रूप से शोषण व दोहन किया जा रहा है.
क्रय अभिश्रवण समायोजन हेतु प्रति केंद्र से 3500 लिया जा रहा है तो डीपीओ के विदाई के नाम पर वसूली की जा रही है. केंद्र निरीक्षण के दौरान बच्चों की वास्तविक उपस्थिति से कम अंकित कर दिया जाता है। यहाँ तक दौरान चयन मुक्त करने की धमकी दी जाती है।
सभी केंद्र से किराया भुगतान ऑफिस फर्ज के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र से ₹1000 एवं नगर पंचायत क्षेत्र में ₹5000 जमा करने के लिए सेविकाओं को आदेश दिया जाता है. गोद भराई एवं अन्य राशन के नाम पर ₹1000 कार्यालय की ओर से डिमांड की जाती है. इस तरह पदाधिकारियों की मनमानी से सेविका सहायिका काफी परेशान हैं. अगर इन सभी मामलों को गंभीरता से नहीं लिया गया और पदाधिकारियों की मनमानी पर रोक नहीं लगी तो आंगनबाड़ी कर्मचारी महासभा के द्वारा उग्र आंदोलन की जाएगी. राज्य कमेटी सदस्य सहरसा जिला अध्यक्ष गुड़िया कुमारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि आंगनबाड़ी की व्यवस्था सुदृढ़ हो, सरकार की योजना धरातल पर उतरे लेकिन विभागीय पदाधिकारी व्यवस्था सुधारने के बदले वसूली करने में लगे हुए हैं. अवैध उगाही करने की नियत से केंद्र का निरीक्षण किया जाता है. सेविकाओं को परेशान किया जाता है जो आप बर्दाश्त से बाहर हो गया है।
बैठक में पुष्प लता कुमारी, माला कुमारी, रंजना कुमारी, शोभा कुमारी, सविता कुमारी, रोनक कुमारी, निर्मला कुमारी, उर्मिला, तनुजा, निशा, पूनम, रेखा, समुद्रा, सितार खातून, साजिदा खातून सहित आंगनबाड़ी कर्मी मौजूद थे ।
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