पहले किसान और अब छात्र नौजवान के भविष्य को नेस्तनाबूद करने पर तुली है केंद्र की बीजेपी सरकार: प्रो० चंद्रशेखर
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना छात्र युवाओं के भविष्य को नेस्तनाबूद करने की योजना है इससे "आहत, व्यथित और दुखी छात्र युवाओं का आक्रोशित होना स्वाभाविक है. इस परिस्थिति में थोड़ी बहुत तोड़फोड़ जरूर हुई, आंदोलन में हिंसा का कोई स्थान नहीं है किंतु आंदोलन की आवाज को दबाने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा मनगढ़ंत और बेबुनियाद आरोप लगाना कहाँ तक सही है.
कहा कि भाजपा के लोग कहते हैं मधेपुरा भाजपा जिला कार्यालय में हुई आगजनी से 11 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. आक्रोशित आंदोलनकारी नौजवान उनके पंखा, कुर्सी, टेबल, कूलर और सोफा आदि को लूट कर ले गए लेकिन सोशल मीडिया में चल रहे लाइव वीडियों में टायर जलने के अलावे कोई चीज जलती नहीं दिख रही है. न ही कोई आक्रोशित नौजवान टेबल कुर्सी, कूलर, पंखा ले जाते दिख रहे हैं. ये नौजवान अपने भविष्य के लिए आक्रोशित है, लेकिन भाजपा वाले इसे लुटेरा बनाने पर तुले हैं. जब कोई लोग समान ले जाते नहीं दिख रहा है तो क्या ये भाजपा वाले पहले ही कार्यालय को खाली कर चुके थे या पहले से ही इसके सामानों को अपने-अपने निजी घरों में उपयोग कर रहे हैं.
जिस वक्त कार्यालय में तोड़फोड़ हो रही थी पत्रकार और पुलिसकर्मी मौजूद थे. पूरी गतिविधि वीडियो में है. एक भी व्यक्ति के हाथ में कोई सामान ले जाते नहीं देखा जा सकता. इसीलिए अब भाजपा स्पष्ट करें कि कार्यालय के सामान की खरीद के लिए जो राशि थी वह किस नेताओं के गोदरेज में बंद है? भाजपा वाले पुलिस और अपनी ही गठबंधन सरकार को घेर रही है. यदि बिहार की सरकार और पुलिस आक्रोशित नौजवनों के साथ थी तो हरियाणा, उत्तरप्रदेश की सरकार और पुलिस क्या कर रही थी. जनाब इस आगजनी में कई नौजवान भगवा गमछी मुँह में बंधे सोशल मीडिया पर दिख रहे हैं. मैं इसे किसी दल से जोड़ कर मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहता. बस इतना कहना चाहता हूँ जो युवा कल तक इनके धर्मिक उन्माद में तोड़फोड़ करते थे आज अपने भविष्य के लिए करते दिखे.
प्रो० चंद्रशेखर ने आगे कहा कि सरकार युवाओं को अग्निपथ के रिटायर सैनिकों को कई अन्य जगह पर रोजगार देने का शिगूफा भी दे रही है. हमारा सवाल है वे किसान को भी कह रहे थे एमएसपी था, है और रहेगा लेकिन इसकी गारंटी नहीं देंगे. इसी तरह रोजगार था, है और रहेगा लेकिन रिटायर होने के बाद इसकी गारंटी नहीं देंगे. इस तरह के झाँसे को पहले किसानों ने समझा अब नौजवन भी समझ चुके हैं. सरकार से हम और हमारी पार्टी निवेदन करती है कि हमारे देश को जलने से बचाना है तो फैसला लोकतांत्रिक तरीके से ले. युवाओं के भविष्य से न खेलें. यह काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 19, 2022
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