युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में: गांवों में बढ़ रही स्मैक की लत

युवा मन को जोश व उमंग की उम्र कहा जाता है। यही उम्र का पड़ाव होता है, जब भविष्य को लेकर युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है। लेकिन दुर्भाग्यवश मुरलीगंज प्रखंड के विभिन्न गांव एवं मुरलीगंज नगर पंचायत, दिग्घी, मीरगंज, जोरगामा ,सिंगयान, गंगापुर रजनी सहित दर्जन गांवों में युवाओं की नसों में जोश कम, नशा ज्यादा दौड़ता दिखाई दे रहा है। गाँवो में गत कुछ समय से स्मैक और अफीम का कारोबार लगातार बढ़ रहा है और गाँवो का युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में आ गया है। जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं। यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि गाँवो की युवा पीढ़ी नशे के कारण बर्बाद हो रही है। नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा है। इसके अलावा जो, इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक और अफीम का नाम प्रथम पायदान पर लिया जा रहा है।  कई लोगों से मिली जानकारी के अनुसार जानकारी के अनुसार गांव की गली गली में में यह नशे की पुड़िया अलग अलग मात्राओं में आसानी से उपलब्ध हो रही है।

यहां का युवा वर्ग दिखावे के लिए और कुछ लोग अपना समूह बढाने के लिए इस कार्य को आसानी से बढ़ावा दे रहे हैं। नशे की लत से बढ़ेंगे अपराधइन गाँवो में अब स्मैक के कारोबार की दस्तक के बाद अपराध बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। जानकारों के अनुसार स्मैक के आदी व्यक्ति को किसी भी हालात में स्मैक की डोज चाहिए ही। नहीं तो चक्कर आने, उल्टियां होने और शरीर में घबराहट होने लगती है। कुछ स्मैक के आदि हो चुके युवाओं का इलाज भी उनके परिजनों द्वारा करवाया जा रहा है। जिम्मेदार बने अनजान गाँवों में फैल रहे स्मैक के कारोबार पर अभी तक लगाम लगाने के प्रयास शुरू नहीं हुए है। वहीं पुलिस भी क्या कारोबार से अनजान है। ऐसे में तस्करों द्वारा आसानी से अपने मंसूबे पूरे कर इस व्यवसाय से लाभ प्राप्त किया जा रहा है। जरूरत है इसे रोकने के लिए साझा प्रयास करने की.

युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में: गांवों में बढ़ रही स्मैक की लत युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में: गांवों में बढ़ रही स्मैक की लत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 26, 2022 Rating: 5

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