कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ने डॉ अनंत कुमार ने कहा कि पहले प्ले विद्यालय नहीं हुआ करता था। पांच वर्ष उम्र होने के बाद बच्चों का नामांकन अभिभावक कराते थे। परंतु अब प्ले स्कूल के माध्यम से बच्चों को बेसिक ज्ञान मिलेगा जो उच्च शिक्षा के लिए काफी लाभकारी होगा। इस तरह के विद्यालय में बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा मिल रही है। सरकार का भी यही मोटिव है कि बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दिया जाना है। शिक्षकों को कहा कि बच्चों को विशेषकर बाल उम्र में ज्यादा दवाब नहीं देंगे। बच्चों को नदी की अविरल धारा की तरह बहने दें। समय के अनुसार बच्चें खुद अपना भविष्य को देखते हुए कार्य करेंगे। अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य के प्रति सबसे पहले आपलोगों को तत्पर रहना होगा। घर में शिक्षा के साथ माता-पिता बच्चों को संस्कार दें। संस्कार ही व्यक्ति को महान बनाता है। संस्कार के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। सुशिक्षित समाज के प्रति बी आर यह कैंपस के भीतर यह ब्रांच खोलना सराहनीय पहल है। इससे सुशिक्षित समाज को लेकर काफी बढ़ावा मिलेगा।
निदेशक डॉ. मानव सिंह ने बताया कि सीबीएसई 10th टर्म वन हमारे विद्यालय के दो मेहनती छात्र ने ढाई सौ में ढाई सौ अंक प्राप्त किया है जो कि समूचे भारत में सिर्फ तीन लड़के प्राप्त किए हैं जिसमें दो हमारे विद्यालय के छात्र हैं विद्यालय प्रशासन बच्चों की शिक्षा को लेकर हमेशा तत्पर रहा है। सीनियर ब्रांच के बच्चें प्रत्येक इंटर, मेडिकल एवं इंजीनियरिग में बेहतर करते हैं। इस विद्यालय में खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। बच्चों के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराया गया है। खेलने के लिए खेल का सामग्री है। बच्चों की सुरक्षा के लिए विद्यालय में सीसीटीवी लगाया गया है। स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए सुयोग्य शिक्षक को रखा गया है। विद्यालय प्रशासन बच्चों की शिक्षा के प्रति ढ़संकल्पित है। विद्यालय की प्राचार्या डॉ मौसम सिंह ने कहा कि यह विद्यालय शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए काफी लाभकारी होगा। तीन वर्ग तीन तक के बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षा दी जाएगी। मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेतर कर्मी छात्र छात्राएं अभिभावक मौजूद थे.
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