कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 349 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते सम्बंधित केस के आईओ श्री चौधरी को दोषी करार देते यह सजा तय किया। मामला घैलाढ़ थाना क्षेत्र से सम्बंधित है जिसमें जिला जज के कोर्ट से जमानत के लिये किशोर यादव की ओर से अग्रिम जमानत (59/2022)दायर की गई थी। जमानत सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से सम्बंधित केस आईओ से केस डायरी की लिखित मांग की गई थी। लेकिन केस आईओ श्री चौधरी की ओर से कोर्ट में कोई भी जवाब दाखिल नही किया गया। कोर्ट से केस डायरी कोर्ट में सुपुर्द करने के लिये पुलिस को बार बार नोटिस भेजा गया जिसका तमिला नही होने पर कोर्ट ने उस आईओ के खिलाफ शो कॉज भी जारी किया। संतोषप्रद जवाब नही देने पर कोर्ट ने दोबारा उस पुलिस के खिलाफ शो कॉज माँगा लेकिन इस बार भी कोई संतोषप्रद न होने पर नाराज कोर्ट ने 4 मार्च को एसपी को सम्बंधित पुलिस के खिलाफ वारंट जारी कर सदेह कोर्ट में हाजिर करने का निर्देश जारी किया। तीन महीने से कोर्ट के आदेश को दरकिनार करनेवाले केस आईओ रामनिवास चौधरी आखिरकार सोमवार को एसपी की पहल पर कोर्ट में हाजिर हुए।
पुलिस के लिये ऐसी सजा मिलना कोई अनोखी बात भले ही ना हो लेकिन इस अनोखी सजा से शहर में एकबार फिर पुलिस की भारी फजीहत हो रही है। आम लोगों की माने तो एक छोटी सी भूल के लिये पुलिस किसी को भी उठकर थाने में बंद करने में देर नही करती है जबकि पुलिस खुद सीधे सीधे कोर्ट के आदेश का खुलकर अवहेलना करने से भी पीछे नहीं रहती है।
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