मामले में जानकारी देते हुए मृतक के चाचा ओम कुमार जो वार्ड 12 के वर्तमान वार्ड सदस्य हैं, ने बताया कि एक होनहार युवक के साथ-साथ सुशील बेहद ही कर्मठ और मेहनती युवक था, जो खेती बाड़ी एवं अनाज की खरीद बिक्री कर तथा अन्य कई तरह के कार्य कर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करता था. गांव में किसी से किसी प्रकार की कोई दुश्मनी नहीं थी. शुक्रवार की संध्या वह अपने गेंहू की खेत में सिंचाई करके घर आया और खाना पीना खाने के बाद अपने चार पांच साथिओं के साथ घूमने निकल गया. इसके बाद वह देर रात तक घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन करनी शुरू कर दी.
रात के करीब बारह बजे उनकी पत्नी सहित अन्य परिजनों ने उसके मोबाइल से कॉल किया तो सुशील ने बताया कि गांव से बाहर निकल गया था, वापस लौट रहे है. इसके बाद भी जब घर नहीं लौटा तो पुनः कॉल किया गया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताया.
मृत युवक के घर से कुछ अलग हटकर उसका कामत भी है, जहां उसके माता पिता एवं छोटा भाई नीतीश कुमार अपने परिवार समेत रहते हैं. इसी वजह से घर के लोगों को लगा कि रात अधिक होने की वजह से वह कामत पर रुक गया होगा. आज अहले सुबह शुक्रवार 11 मार्च को घर से आधा किलोमीटर दूर सड़क किनारे उसका शव देखा गया. धीरे-धीरे ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी. घर से अलग नहरी के किनारे कटे फ़टे अवस्था मे उसका मृत शरीर पड़ा हुआ था. उसके पास से उसका मोबाइल भी गायब था. घटना की जानकारी मुरलीगंज थाना को दिया गया. बताया गया कि अज्ञात लोगों द्वारा दबिया, चाकू और रड से वार कर सुशील को मौत के नींद सुला दिया गया.
गौरतलब हो कि सुशील अपने तीन भाइयों में सबसे बड़ा था. उसका एक 12 वर्ष और दूसरा 10 वर्ष का पुत्र भी है. उसके साथ हुए इस दर्दनाक घटना से उसके दोनो मासूम बच्चों के सर से पिता का साया उठ गया और उसकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. माता पिता, भाई समेत अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. उसके घर में कोहराम मचा हुआ है.
मामले में थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब 7 बजे घटना की सूचना मिली थी. तत्काल ही वे दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के उपरांत परिजनों को सौंप दिया. थानाध्यक्ष श्री मंडल ने बताया कि परिजनों के द्वारा घटना के संबंध में लिखित आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. घटना की विभिन्न दृष्टिकोण से जांच चल रही है.
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