प्रत्येक डायबिटीज रोगियों की नियमित रेटिना की जांच अनिवार्य है. कोशी इलाके में रेटिना के मरीजों का आनंद आँख अस्पताल में लेजर की सुविधा एवं एंजियोग्राफी की सुविधा के साथ प्रथम आँख अस्पताल है, जहाँ यह सुविधा उपलब्ध है.
रोगियों को डायबिटिक रेटीनोपैथी में इंट्रावाइट्रल सुई (ANTIVEGE) लगाकर किस प्रकार नयी पद्धति से इलाज किया जाता है, इस पर भी चर्चा हुई.
वहीं डा० डी. के. सिंह ने कहा कि डायबिटीज को अगर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं और अगर समय-समय पर शुगर जांच एवं आँखों की जांच नहीं कराते हैं तो अंधापन के अलावे भी शरीर में गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है.
इस मौके पर मंच का संचालन डा० नायडू कुमारी ने किया. IMA सेक्रेटरी डा० अमित आनंद ने कहा कि 'PRIVENTION IS BETTER THAN CURE' यानि इलाज से बेहतर है बचाव. यह डायबीटीज रोगियों को समझ जाना चाहिए एवं नियोजित शुगर जांच एवं आँख जांच करना चाहिए.
इस मौके पर डा० मिथिलेश कुमार, डा० एस.एन. यादव, डा० ए. के. मंडल, डा० डी. के. सिंह, डा० एन.एन. सिंह, डा० डी. के. यादव, डा० आलोक निरंजन, डा० नायडू कुमारी, डा० पी. टूटी, डा० सरोज सिंह, डा० पूनम कुमारी, डा० हिरेन्द्र कुमार, डा० पी.के. मधुकर, डा० राकेश रोशन, डा० गणेश कुमार गुंजन, डा० बिरेन्द्र कुमार, डा० अमरेन्द्र कुमार, डा० बी.एन. भारती, डा० राज किशोर, डा० एल. के. लक्ष्मण, डा० गौरव कुमार, डा० सुनील कुमार आदि मौजूद थे.
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