एक तरफ जहाँ बाल मजदूरी के रोकथाम को लेकर सरकार जगह-जगह जागरूकता अभियान चला रही है तो वहीं मधेपुरा में खुलेआम सरकारी स्कूलों में बच्चोँ से करवाई जा रही है बाल मजदूरी. मामला जिले के शंकरपुर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय हसनपुरा गांव का है. जहाँ सरकारी स्कूल परिसर में चल रहे भवन निर्माण कार्य में बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जा रही है.
दरसअल जिस हाथों में कॉपी और किताब होनी चाहिए उन हाथों से करवाया जाता है बाल मजदूरी. जी हां जिस शिक्षा के मंदिर में भवन का निर्माण हो रहा है उसी शिक्षा के मंदिर में पढ़ने वाले बच्चो के हाथों में कॉपी किताब के जगह मजदूरी का आलेख लिखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि संवेदक और इनके मुंसी द्वारा छोटे छोटे बच्चो को प्रलोभन देकर भवन निर्माण कार्यों में बाल मजदूरी करवाया जाता जो सरकार के बहुमुखी योजना को विफल कर रहा है और सिस्टम पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. इन सवालों के कटघरे में खड़ा है शिक्षा विभाग. इसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से बाल मजदूरी करवाने वाले संवेदक पर कार्रवाई की मांग भी की है.
वहीं इस सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यपक अशोक स्वर्णकार बता रहे हैं कि मुझे जानकारी नहीं है. अगर इस तरह का कार्य करवाया जा रहा है तो ऐसे लोग सजा के हकदार हैं. उनके विरुद्ध कार्रवाई जरूर होनी चाहिए. हालांकि इस मामले को लेकर मधेपुरा एसडीएम नीरज कुमार ने जांच कर कार्रवाई का हवाला दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि जांच के बाद ऐसे लोगों पर क्या कार्रवाई होती है. बहरहाल मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ रहा है.
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