गरीबों के मसीहा थे भूपेंद्र नारायण मंडल : कुलपति

भूपेंद्र नारायण मंडल सच्चे समाजवादी थे। उनका नाम देश-दुनिया के समाजवादी विचारकों एवं नेताओं में अग्रगण्य एवं अद्वितीय है। हम उनकी बातों को स्मरण करें, उसे जन-जन तक पहुंचाएं और अपने जीवन में आत्मसात करें, यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

यह बात कुलपति डॉ. आरकेपी रमण ने कही। 

वे मंगलवार को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित भूपेंद्र नारायण मंडल जन्मोत्सव समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।

कुलपति ने कहा कि भूपेंद्र बाबू यह मानते थे कि समाजवाद भाषण से नहीं, बल्कि आचरण एवं कार्यों से निकलेगा। उन्होंने समाजवाद को बैलगाड़ी  एवं झोपड़ी तक पहुंचाया। वे दूसरों का दुख-दर्द को पहचानते थे और हमेशा उसे दूर करने के लिए प्रयासरत रहते थे। वे सही मायने में गरीबों के मसीहा, पीड़ितों के रहनुमा और वंचितों की आवाज थे। उन्होंने अपने लिए नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए जीवन जीया। 

कुलपति ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू का संपूर्ण जीवन एवं दर्शन हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। वे मन, वचन एवं कर्म तीनों से समाजवादी थे। उनकी कथनी एवं करनी में समानता थी। वे जो सोचते थे, वही बोलते थे और वही करते थे। 

प्रति कुलपति डाॅ. आभा सिंह ने कहा कि भूपेंद्र बाबू सादगी, ईमानदारी एवं त्याग की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी इस क्षेत्र में शिक्षा के विकास में योगदान दिया। आज हमारा कोसी क्षेत्र एवं हमारा विश्वविद्यालय पूरी दुनिया से जुड़ चुका है।

उन्होंने कहा कि हम सबों को  विश्वविद्यालय के विकास के लिए निष्ठापूर्वक कार्य करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में ज्ञान-विज्ञान का संरक्षण एवं संवर्धन होना चाहिए। यहां से ज्ञान-विज्ञान की नई धारा निकलनी चाहिए।

डीएसडब्ल्यू डॉ. पवन कुमार ने कहा कि भूपेंद्र बाबू राज परिवार में जन्म लेकर भी फकीर की तरह जीए। जन्मोत्सव पर हम उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।  

कुलानुशासक डाॅ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि राजनीति‌ काजल की कोठरी है। इस कोठरी से भी भूपेंद्र बाबू बेदाग निकल गए।  उन्होंने कबीर की तरह ज्यों की त्यों धरी दिन्ह चदरिया। 

सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजुम ने कहा कि भूपेंद्र बाबू का जन्मोत्सव आत्ममूल्यांकन का अवसर है। हम सोचें कि हमारा विश्वविद्यालय आज कहां है और हम इस विश्वविद्यालय के लिए क्या कर रहे हैं। 

शिक्षिक संघ के शिक्षक संघ के महासचिव डाॅ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि हम सभी भूपेंद्र बाबू के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कुलसचिव डाॅ. मिहिर कुमार ठाकुर ने बताया कि पुण्यतिथि समारोह कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित एसओपी का पालन करते हुए सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया।

विषय प्रवेश करते हुए कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव ने विश्वविद्यालय के विकास-यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आगे कोरोना संक्रमण के कम होने के बाद विश्वविद्यालय में भूपेंद्र नारायण मंडल के जीवन एवं दर्शन पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।

जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि विश्वविद्यालय स्थापना दिवस (10 जनवरी) और भूपेन्द्र नारायण मंडल की जयंती (एक फरवरी) को विश्विविद्यालय कैलेण्डर में शामिल किया गया है। 

इस अवसर पर  वित्तीय परामर्शी नरेंद्र प्रसाद सिन्हा, डॉ. गजेन्द्र कुमार, डॉ. भूपेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, सीनेटर रंजन कुमार, डॉ. राजेश्वर राय, डॉ. संजीव कुमार, संत कुमार, सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे।

गरीबों के मसीहा थे भूपेंद्र नारायण मंडल : कुलपति गरीबों के मसीहा थे भूपेंद्र नारायण मंडल : कुलपति Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 01, 2022 Rating: 5

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