रेल विभाग की असंवेदनशीलता की बात तो पूछिये ही मत, कहा जाता है कि यह वाकया दो दिन पुराना है लेकिन अब तक रेल पुलिस अनभिज्ञ बनी हुई है.
शुक्रवार दिन के 10:00 बजे स्टेशन आ-जा रहे लोगों ने जानकारी दी कि मुरलीगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 उत्तर पश्चिम के अंतिम छोर पर मधेपुरा की ओर छोटे से रेलवे पुल के किनारे पानी में एक नवजात बच्चे को फेंका गया है, जो मृत पड़ा हुआ है. रेलवे स्टेशन आ-जा रहे लोगों की भीड़ जमा हो गई. आने-जाने वाले लोगों ने कहना शुरू किया कलियुगी मां ने ममता को तार-तार कर दिया. कलयुगी मां ने अपनी ममता को मारते हुए नवजात बच्ची को जन्म लेते ही मरने के लिए बड़े जल निकासी वाले रेलवे के छोटे से पुलिया में फेंक दिया. नाली में एक नवजात बच्ची को लाल कपड़े में डालकर गिराया गया है. बच्ची मृत अवस्था में पड़ी है. उसके बदन पर खून के धब्बे भी हैं.
आखिर क्या खता रही होगी इस मासूम की ?
अभी-अभी जमीं पर आए ही थे कि रुख़सत की घड़ी भी आ गई. कौन सी मजबूरियां थी एक माँ की जो 09 माह तक कोख़ में पालने के बावजूद एक झटके में स्नेह के बंधन को तार-तार कर डाला ? आखिर उस मासूम की खता क्या थी? यहां सवाल बेटा या बेटी का नहीं है. सवाल यह है कि कोई मां इतनी बेदर्द कैसे हो सकती है. इस मासूम का शव मुरलीगंज रेलवे स्टेशन के किनारे पानी मे औंधे पड़ा है. रेल विभाग की असंवेदनशीलता की बात तो पूछिये ही मत, कहा जाता है कि यह वाकया दो दिन पुराना है लेकिन अब तक रेल पुलिस अनभिज्ञ बनी हुई है. शायद इंतजार इस बात का है कि वह मांस का लोथड़ा पशु-पक्षियों का आहार बन जाय और थाने की रपट बनने की पेचीदगियों से निज़ात मिल जाय.
वहीं जीआरपी बदन पासवान बनमनखी ने नवजात शिशु के शव पाए जाने के मामले में कहा कि उसे तत्काल डिस्पोज करवाने की व्यवस्था की जा रही है.
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