यादगार: मनाई गई के.पी. महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी बाबू की 120 वीं जयंती


बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ आभा सिंह कमलेश्वरी बाबू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ

कार्यक्रम में आगंतुक अतिथियों को प्राचार्य द्वारा अंग वस्त्र एवं गुलदस्ता देकर किया गया सम्मानित

महाविद्यालय के संगीत विभाग के सनोज कुमार एवं पूर्व छात्र रोशन कुमार पूर्व छात्रा रह चुकी कोशी की शारदा सिन्हा कही जाने वाली रेखा कुमारी ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति


के पी. महाविद्यालय मुरलीगंज में संविधान प्रारूप सभा के सदस्य एवं के.पी. महाविद्यालय के संस्थापक की 120वीं जयंती मनाई गई.

बी एन मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत एन एच 107 पर अवस्थित के.पी. महाविद्यालय में आज मंगलवार 4 जनवरी को के.पी. महाविद्यालय के संस्थापक संविधान प्रारूप समिति के सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 120 वीं जयंती स्थापना दिवस के रूप में मनाई गई.

अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के माननीय प्रतिकुलपति  डॉ आभा सिंह एवं विश्वविद्यालय के  महाविद्यालय के स्थापना काल में सेक्रेटरी सह बीएन मंडल विश्वविद्यालय के आजीवन अभिषद सदस्य पद स्वर्गीय कमलेश जी बाबू के पुत्र अभय कुमार, पुत्री के पी कॉलेज की पूर्व लाइब्रेरियन आशा यादव, पौत्र आनंद कुमार, महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की. तदुपरांत मंच पर आगंतुक अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

महाविद्यालय प्राचार्य  डॉ प्रो जवाहर पासवान द्वारा प्रति कुलपति आभा सिंह को अंग वस्त्र एवं गुलदस्ता देकर सम्मानित किया, वहीँ मंचासीन के पी महाविद्यालय के संस्थापक प्राध्यापक पूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास प्रो नगेंद्र प्रसाद यादव को,  पूर्व बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ अनंत कुमार, पूर्व प्राचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक, विश्वविद्यालय के उप क्रीड़ा सचिव डॉ शेखर मिश्रा ,पीआरओ डॉ सुधांशु शेखर, संचालन कर रहे उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी,  मुरलीगंज के मुख्य पार्षद श्वेत कमल बौआ यादव, पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष शब्बीर अहमद एवं शहर के प्रबुद्ध नागरिक ब्रह्मानंद जयसवाल को गुलदस्ता एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।



इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जवाहर पासवान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वे 2003 से ही इस महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक के रूप में कार्य कर चुके हैं और 2010 में वे टीपी कॉलेज मधेपुरा चले गए थे. पुनः एक बार प्रभारी प्राचार्य के रूप में एक नया उत्तर दायित्व सौंपा गया है जिस उद्देश्य इस महाविद्यालय की स्थापना बाबू कमलेश्वरी प्रसाद यादव द्वारा की गई थी, उनके उद्देश्यों को अमलीजामा पहनाने का यथासंभव प्रयास करेंगे

 वहीँ विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ आभा सिंह ने कहा कि करोना कॉल से शिक्षा के क्षेत्र में जो गिरावट आई है उसे हमें पुनः स्थापित करना है. शिक्षा एक ऐसा गिफ्ट है जो भौतिक नहीं है, इसे ऐसे किसी को नहीं दिया जा सकता. वहीं उन्होंने शिक्षा के विषय में कहा कि शिक्षा में हर दिन नवीनता होनी चाहिए ज्ञान का अर्थ आपके अंदर विचार विमर्श करने की क्षमता विकसित होती है और शिक्षकों में जो इंफॉर्मेशन संकलित किया हुआ होता है उसे छात्रों के बीच दिया जाता है. शिक्षा के क्षेत्र में हर पीढ़ी को कुछ ना कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. आज शिक्षा के क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जनसंख्या वृद्धि पराकाष्ठा पर पहुंची हुई है. उसके अनुरूप हमारे पास संसाधन नहीं है. किसी तरह तो एडमिशन ले कर सिर्फ परीक्षा देकर पास कर लेते हैं. लेकिन पूर्ण शिक्षा उन्हें नहीं मिल पाती जिसके कारण वे न तो घर के रहते हैं ना घाट के रहते हैं. उन्होंने छात्र छात्राओं शिक्षकों अभिभावकों एवं प्रबुद्ध जनों से अनुरोध किया कि महाविद्यालय पहुंचे वहां कमीशन से आए हुए शिक्षक एवं कुछ गेस्ट फैकेल्टी के शिक्षक भी हैं जिससे क्लास संचालित होता रहेगा और छात्रों को ज्ञान मिलेगा.

 संस्थापक प्राध्यापक पूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास प्रोफेसर नागेंद्र प्रसाद यादव ने कमलेश्वरी बाबू के जयंती के मौके पर कहा कि यह महान शिक्षाविद थे और टीपी कॉलेज, द्वारिका कॉलेज, सहरसा कॉलेज सहरसा को खुलवाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. अंतिम समय में वे मुरलीगंज प्रखंड क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना के लिए सजग हुए और 30 जुलाई 1965 को मात्र 6 शिक्षकों के बल पर उन्होंने के.पी. महाविद्यालय की स्थापना की थी. इतिहास में प्रो. नागेंद्र प्रसाद यादव, राजनीति विज्ञान में प्रो. चितानंद यादव, अर्थशास्त्र में प्रोफेसर त्रिवेणी प्रसाद साह, मैथिली में प्रो. बालखण्डी झा और दर्शनशास्त्र में प्रोफेसर श्याम नारायण यादव, अग्रेजी में प्रो. डी. एंन. राम थे. कमलेश्वरी बाबू जमींदार परिवार के थे. फिर भी उन्होंने यहां के बड़े बड़े जमींदारों से जमीन दान लेकर महाविद्यालय का निर्माण करवाया था कि इस ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षित होकर आगे बढ़े, इस क्षेत्र से अशिक्षा दूर हो सके. 

बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो डॉ अनंत कुमार ने कहा कि हमने अपने अथक प्रयास से इस महाविद्यालय चहारदीवारी का निर्माण करवाया जिससे कि महाविद्यालय की परिसंवाद सुरक्षित रहे और पठन-पाठन के साथ-साथ छात्रों का सर्वांगीण विकास होता रहे.

विश्वविद्यालय से आए उप सचिव क्रीडा शेखर मिश्रा ने मंचासीन मुरलीगंज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद श्वेत कमल उर्फ बौआ यादव से अनुरोध किया कि वे महाविद्यालय परिसर में हर कोने पर एक शौचालय तथा महाविद्यालय परिसर में प्रकाश की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करवा दें जिससे यहां के छात्र छात्राओं की जो प्रतिभा है उसमें निखार आ सके. क्योंकि फुटबॉल एवं अन्य खेलों में भी यहां के छात्र-छात्राएं काफी अच्छा प्रदर्शन करते हैं. यहां स्टेडियम अधूरा पड़ा है इसे हम प्रभारी प्रचार से अनुरोध करेंगे कि वह इसे पूरा करवा दें जिससे छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके.

विश्वविद्यालय के पी आर ओ डॉ सुधांशु शेखर ने आगंतुक अतिथियों एवं छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यहां भूगोल और गृह विज्ञान तथा अन्य विषयों की भी पढ़ाई होनी चाहिए और इस दिशा में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य आवश्यक कार्य करेंगे. यहां के छात्र काफी प्रतिभाशाली हैं. बस एक अच्छे प्रयास की और अच्छे मार्गदर्शन की आवश्यकता है.

वहीं आज सांस्कृतिक कार्यक्रम में महाविद्यालय के संगीत विभाग के सनोज कुमार यहां के पूर्व छात्र रहे रोशन कुमार एवं महाविद्यालय की छात्रा सोनी कुमारी, मधुबाला, स्वागत गान गाया। 

महाविद्यालय की 90 के दशक की छात्रा रही गायिका रेखा कुमारी जिसे कोसी की शारदा सिन्हा भी कहते हैं ने कोयल बिना शोभ ना बगिया मोरे राजा शमा ही बांध दिया.

मौके पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी उपस्थित थे प्रो. महेंद्र मंडल डा. शिवा शर्मा, डा. सुशांत सिंह, डा. प्रतीक कुमार, डा. रविंद्र कुमार, डा. प्रतीक कुमार, डॉ. चंद्रशेखरआजाद, , डॉ त्रिदेव निराला, डॉ विजय पटेल, डॉ अली अहमद मंसूरी, डॉ सज्जाद, अतिथि शिक्षकों में विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षक संयोजक डॉ राजीव जोशी, डा. राघवेंद्र कुमार, डॉ शालू पंसारी, प्रीति कुमारी, डा. नजराना आजमी, दीपा कुमारी, रितु रत्नम, डॉ किरण कुमारी, जयंत कुमार, अखिलेश मिश्रा, वहीं शिक्षकेत्तर कर्मी में प्रधान लिपिक नीरज कुमार, लेखापाल देवाशीष कुमार, महेंद्र यादव, गजेंद्र दास, नीरज कुमार, प्रभाकर मंडल, एनसीसी और एनएसएस के छात्र-छात्रा के साथ-साथ सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी मौजूद थे.



यादगार: मनाई गई के.पी. महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी बाबू की 120 वीं जयंती यादगार: मनाई गई के.पी. महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी बाबू की 120 वीं जयंती Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 04, 2022 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.