मौके पर जनरल रावत के चित्र पर माल्यार्पण अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया. सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के संरक्षक सत्यप्रकाश गुप्ता विदुर ने कहा कि इस घटना से पूरा देश सदमे में है. जनरल रावत ने भारत के गौरव को असीम सीमा तक बढ़ाया है. उनकी कमी सिर्फ सैन्य बलों को ही नहीं बल्कि देश की आम जनता को भी महसूस होती रहेगी. गायत्री परिवार के चक्रधर मेहता, युवा समाजसेवी राजेश कुमार राजन ने कहा कि जनरल रावत ने प्रथम सीडीएस के तौर पर तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए अभूतपूर्व कार्य किया. प्रो.रजत किरण, युवा साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा कि जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत तेरह अन्य सेना की मौत देश के लिए अपूरणीय क्षति है. सीडीएस बिपिन रावत हमारे देश की शान थे. अपनी रणनीति की बदौलत दुश्मन देशों को सबक सिखाया था, उनके योगदान को देश कभी नहीं भुला सकता है. युवा समाजसेवी संजय यादव, अधिवक्ता विनोद आजाद ने कहा कि हमने देश के एक सच्चे वीर सपूत को खो दिया है और इस नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो सकती.
मौके पर जयप्रकाश मेहता, राजेश कुमार राजन, अबूसालेह सिद्दीकी, कुंदन कुमार बंटी, प्रो.रजत किरण, चक्रधर मेहता, शुभंकर झा, आरिफ आलम, कुमार साजन, अधिवक्ता मेराज आलम, अनिल पोद्दार, जवाहर चौधरी, धनराज भगत, चन्देश्वरी साह, लक्षमण यादव, शमशेर अली,अजय यादव, भकुल पासवान, गुड्डू नयन, अमोद मेहता, चितरंजन कुमार, राजकुमार प्रिंस, बिजेंद्र कुमार, सुरेंद्र धीरज, अरुण सिंह, सौरव कुमार, नीरज कुमार, रितेश कुमार, सिंटू पटवे, भोला पासवान, हरिओम चौरसिया, बबलू शर्मा, डब्लू भगत, प्रखंड कृषि पदाधिकारी कौशल कृष्ण अम्बेडकर, जयशंकर कुमार, अशोक चौरसिया समेत दर्जनों लोग शोक सभा में उपस्थित थे.
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