के पी महाविद्यालय में मनाई गई डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 66वीं पुण्य तिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में

आज दिन के 2:00 बजे मधेपुरा जिले के मुरलीगंज अंतर्गत के.पी. महाविद्यालय के प्रांगण में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 66वीं पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई गई. मुख्य अतिथि के रूप में में डॉ जवाहर पासवान ने कहा कि संविधान को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना ही बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस की सार्थकता होगी .

डॉ. अम्बेडकर ने दलितों की स्थिति में सुधार लाने और उनके हक के लिए बहुत संघर्ष किया. छुआछूत को खत्म करने में उनकी बड़ी भूमिका थी. इसलिए उनको बौद्ध गुरु माना जाता है. उनके अनुयायियों का मानना है कि, उनके गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे. उनका मानना है कि डॉ. अम्बेडकर अपने कार्यों की वजह से निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं. यही वजह है कि उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस या महापरिनिर्वाण दिन के तौर पर मनाया जाता है.

डॉ त्रिदेव निराला ने दलितों के प्रतिनिधित्व पर जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों में दलितों की प्रतिनिधित्व सुनिश्चित की जाए. महेंद्र मंडल ने बाबासाहेब के बारे में कहा कि बौद्ध धर्म के अनुसार, जो निर्वाण प्राप्त करता है वह सांसारिक इच्छाओं और जीवन की पीड़ा से मुक्त हो जाता है. साथ ही वह जीवन चक्र से मुक्त होगा, यानी वह बार-बार जन्म नहीं लेगा. परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है. इसका वस्तुत: मतलब ‘मौत के बाद निर्वाण’ है. इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ अमरेंद्र कुमार ने बाबा साहब के जीवनी पर प्रकाश डाला. डॉ फिरोज मंसूरी ने भी इस अवसर पर अपनी बातें रखी. 

वहीं महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ राजीव रंजन ने छात्रों को कहा कि इस तरह के सामाजिक बदलाव पर आधारित परिचर्चाओं को महाविद्यालय में प्रतिदिन करने की आवश्यकता है. धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य के द्वारा किया गया.

डॉक्टर सुशांत कुमार ने बाबा साहब के जाति उन्मूलन संबंधी विचार पर अपने विचार व्यक्त किए. डॉक्टर त्रिदेव निराला ने दलितों के प्रतिनिधित्व पर जोड़ दिया. 

छात्रा शाहीन ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था. वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे. उन्‍होंने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीबों, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया.

इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी डॉ अरुण कुमार शाह, डॉ अशोक कुमार, डॉ राघवेंद्र कुमार, डॉ प्रीति कुमारी, डॉक्टर दीपा कुमारी, डॉ पंकज शर्मा, डॉक्टर विजय पटेल, डॉक्टर अमित कुमार, डॉ राजेश कुमार, शाहीन, आरती, आदिल, नीरज कुमार निराला, गजेंद्र दास, प्रभाकर मंडल, नीरज, सिंटू, महेश राम, अशोक पासवान सुनील, अभिषेक कुमार, संत आदि उपस्थित थे.

(Report: Sanjay Kumar)

के पी महाविद्यालय में मनाई गई डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 66वीं पुण्य तिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में के पी महाविद्यालय में मनाई गई डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 66वीं पुण्य तिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में Reviewed by Rakesh Singh on December 06, 2021 Rating: 5

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