बाबा के पूजन और अभिषेक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सिंहेश्वर बाबा के जमीन पर आँख गड़ाने वाले अब जमीन खाली कर दें. अतिक्रमित जमीन को एक माह के अंदर नापी करा कर खूंटा गाड़ देने के लिए डीएम मधेपुरा को कह दिया गया है. कहा कि बिहार में पहली बार मठ और मंदिर की जमीन का अतिक्रमण हटाने की शुरुआत की जायेगी. उन्होंने कहा कि जो लोग जमीन जोत कर उसके उपज का उपयोग कर रहे हैं, उससे निर्धारित लगान की राशि नियमित रूप से वसूल होनी चाहिए. मठ और मंदिर के भूमी का सर्वे अच्छी तरह होगा और खतियान के अनुसार ही कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास की भूमि यदि सेवादार अथवा उसके परिवार के लोगों द्वारा बिक्री कर लिया गया हो एवं उसकी जमाबंदी में कायम कर लिया गया हो तो उसे रद्द कर दिया जाएगा, क्योंकि मठ और मंदिर की जमीन खरीदी और बेची नहीं जा सकता है.
सिंहेश्वर मंदिर का विकास दिव्य काशी और भव्य काशी के तर्ज पर होगा
मंत्री श्री कुमार ने सिंहेश्वर बाबा मंदिर के सौंदर्यीकरण पर कहा कि ढाई सौ साल पुराना मंदिर है. यहाँ आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की स्थापना करने आये थे. उसके बाद किसी ने इसकी सुध नहीं ली. आज देश के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है जो हिन्दुओं को सम्मान से हिन्दू कहने का हक दिया. हम चाहते हैं कि महाकाल, देवघर, सोमनाथ मंदिर की तरह धार्मिक स्थलों का जिर्णोद्धार भी कराया जाय. बाबा सिंहेश्वर का भी जीर्णोद्धार कर भगवान राम के अयोध्या और भव्य काशी, दिव्य काशी विश्वनाथ के तरह सजाया जाय. उन्होंने कहा कि पैसों की कमी नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो दाता को भी खोज लिया जायेगा.
आज मठ और मंदिर में पूजा कराने के वैदिक पाठ के पुजारी के घोर अभाव की जानकारी भाजपा नेता डा. आभाष आनंद झा ने दिया. उस पर उन्होंने कहा कि यहाँ बाबा सिंहेश्वर संस्कृत विश्वविद्यालय सह वेद पाठशाला का निर्माण कराया जाएगा, ताकि पंडा और पुजारियों को वैदिक ज्ञान मिल सके. उन्होंने कहा कि जब हम पर्यटन मंत्री थे और सिंहेश्वर महोत्सव में आये थे तो बाबा सिंहेश्वर को शिव सर्किट में जोड़ने का काम किया.
मौके पर पूर्व मंत्री रविन्द्र चरण, विजेंद्र चौधरी, राहुल यादव, गुलजार कुमार बंटी, प्रबंधक मनोज ठाकुर, धर्मशाला प्रभारी अमरनाथ ठाकुर, एसआई विजय पासवान अपने दलबल के साथ मौजूद थे.
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