दो दिवसीय कुश्ती के अंतिम दिन पहलवानों ने आजमाया दांवपेंच

मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र के अर्राहा महुआ दिघरा पंचायत के अर्राहा गांव में काली पूजा मेले के शुभ अवसर पर चल रहे कुश्ती दंगल के अंतिम दिन करीब दो दर्जन कुश्ती के मुकाबले हुए. कुश्ती प्रतियोगिता में लाला पहलवान गंगापुर राजस्थान, सुरेंद्र पहलवान, अरविंद पहलवान, बाबा नायक मध्य प्रदेश, अजीत पहलवान दिल्ली, मोनू पहलवान बनारस, हरिहर थापा, छोटेलाल पहलवान नेपाल, मोनू पहलवान बनारस, शैलेश पहलवान यूपी, ललित पहलवान मधुबनी सहित दर्जनों पहलवानों ने हिस्सा लेकर दमखम आजमाया. 

प्रतियोगिता का उद्घाटन मेला कमेटी के अध्यक्ष शिव शंकर सिंह, उपाध्यक्ष जयंती सिंह, समिति सदस्य नयन सिंह, परमानंद सिंह सहित अन्य ने पहलवानों से हाथ मिला कर किया. कुश्ती प्रतियोगिता को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही.


कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए समिति सदस्य नयन सिंह ने कहा कि मां काली पूजा समिति की ओर से आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन हमारी संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा है. इस तरह के आयोजन से हमारी संस्कृति और सभ्यता को सहेजने का काम करती है. ग्रामीण क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा देने का मुख्य कारण युवाओं में देशभक्ति की भावना को मजबूत करना है. मेला के माध्यम से आपसी भाईचारे की भावना को बल मिलता है. वहीं अपनी प्राचीन संस्कृति को आगे बढ़ाने का मौका भी मिलता है. उन्होंने कहा कि कुश्ती हमारे संस्कृति का हमेशा से हिस्सा रही है. 


काली पूजा के मौके पर आयोजित इस दंगल में कई जिलों के पहलवानों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर मेला कमेटी के अध्यक्ष शिव शंकर सिंह ने मेला के आयोजन और इसकी महत्ता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में मेला का आयोजन हमेशा से होता रहा है. इस संस्कृति को आगे भी कायम रखने की जरूरत है.


 

दो दिवसीय कुश्ती के अंतिम दिन पहलवानों ने आजमाया दांवपेंच दो दिवसीय कुश्ती के अंतिम दिन पहलवानों ने आजमाया दांवपेंच Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 09, 2021 Rating: 5

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