ठगी की शिकार महिला पुष्पा कुमारी पति मनोज कुमार घर मुरलीगंज वार्ड नंबर 2 की शिकार महिला ने थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने की लगाई गुहार.
मुरलीगंज में सस्ते मूल्य पर गहनों की सफाई के नाम पर ठगी का गोरखधंधा जोरों पर है। कई ऐसे गिरोह हैं, जो आपके घर आकर आभूषणों को चमकाने के नाम पर आपके कीमती गहनों की चोरी कर रहे हैं। ये ठग केमिकल की मदद से सफाई के दौरान गहनों का एक बड़ा हिस्सा चुरा लेते हैं।
सोने के गहने और अन्य जेवरातों को चमकाने के नाम पर शहर में सक्रिय ठग लोगों को बेवकूफ बना कर ठगी कर रहे हैं।
गहनों की सफाई के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया
इस गिरोह के निशाने पर अधिकतर महिलाएं ही होती हैं। गहनों की ठगी करने वाले गिरोह के ठग पूरी प्लानिंग से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहे हैं। सफाई के नाम पर ये ऐसे केमिकल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कीमती आभूषण का एक बड़ा हिस्सा पानी में घुला लेते हैं। आपको पता तब चलता है, जब अपने गहने का वजन कम मालूम होने लगता है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह गिरोह काफी सक्रिय है.
गहनों की सफाई करने के लिए ठग दो किस्म के तरल पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं। एक में सल्फ्यूरिक एसिड मिला होता है और दूसरे में नाइट्रिक एसिड। ठग पहले सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल करते हैं। इससे गहनों में हल्की चमक आ जाती है। फिर इस्तेमाल किया जाता है नाइट्रिक एसिड मिले लिक्विड का। नाइट्रिक एसिड में धातुओं को गलाने की क्षमता होती है। इसलिए जब गहनों को इस लिक्विड में डाला जाता है, तो उसका एक बड़ा भाग गलकर लिक्विड में मिल जाता है और ठगी हो जाती है.
कौन होते हैं ठगी के शिकार, ठग किस समय करते शिकार
यह गिरोह खासकर महिलाओं को टारगेट गहनों की ठगी करने वाला यह गिरोह अधिकतर दोपहर में ही अपने काम को अंजाम देता है। इस गिरोह के टारगेट पर महिलाएं होती हैं। दोपहर का समय इसलिए चुना जाता है, क्योंकि इस समय घर के पुरुष सदस्य बाहर होते हैं और बच्चे स्कूल गए होते हैं। ठगों का यह गिरोह किसी घर में प्रवेश करता है। फिर घर में उपस्थित महिला को कम कीमत पर आभूषण चमकाने का सपना दिखाया जाता है। जो महिला इनके झांसे में फंस जाती है, उससे ठगी कर ली.
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