मौके पर हेल्पलाइन सचिव विकास आनंद ने कहा कि मधेपुरा-पूर्णिया रेलखंड 2008 की कुसहा त्रासदी से पहले से ही उपेक्षित अवस्था में चल रही है. यह धरना कार्यक्रम भारत सरकार और रेल मंत्रालय के विरोध में की जा रही है, जो कहती है सबका साथ सबका विकास, क्योंकि हमारे यहां ना तो रेल की सुविधा है ना ही रोड की सुविधा है. भारत सरकार ने कहा कि प्रतिदिन 35 किलोमीटर नेशनल हाईवे हम बनाते हैं. रेलवे में जहां सुविधा की बात कर रहे हैं हमें लगता है कोरोना के नाम पर ब्लैक मेलिंग कर रही है. पब्लिक का दोहन किया जा रहा है. कोरोना स्पेशल ट्रेन कह कर 29 प्रतिशत टिकट की दरों में वृद्धि कर दिया है. अगर आप पैसा लेते हैं तो मूलभूत सुविधाएं भी दीजिए. हमारे यहां कई पैसेंजर ट्रेन चला करती थी. कोराना काल के पूर्व में कई पैसेंजर ट्रेन हुआ करती थी, कोरोना के कारण जिस को बंद कर दिया गया. 2008 के पहले जब हमारी छोटी लाइन हुआ करती थी उस समय सहरसा-कटिहार के बीच 6 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चला करती थी जो आज नगण्य स्थिति में पहुंच गई है.
यात्रियों को आज 60 किलोमीटर सफर करने के लिए ₹135 किराया देना पड़ता है. रोड की स्थिति तो पिछले 8-10 वर्षों से जर्जर पड़ी हुई है. रेल प्रशासन एवं भारत सरकार के विरुद्ध आज हम लोगों द्वारा धरने का आयोजन किया गया.
वहीं हेल्पलाइन अध्यक्ष संजय सुमन ने कहा कि आज के धरना कार्यक्रम में शहर की जनता के साथ-साथ व्यवसायी एवं हम लोग उपस्थित हैं. वहीं उन्होंने कहा कि हमारे यहां के जनप्रतिनिधि जो डबल इंजन की सरकार में सम्मिलित हैं. जनता की समस्या को नहीं देख रहे हैं और हम लोग इस धरना कार्यक्रम से सांसद महोदय को आगाह करना चाहते हैं कि कि वे हमारी समस्या पर ध्यान दें नहीं तो आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. यहां की जनता आगे उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहेगी.
वहीं चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष दिनेश मिश्रा ने कहा कि उपेक्षित मुरलीगंज-सहरसा रेल लाइन पर लंबी दूरी की कोई भी ट्रेन नहीं चल रही है. यहां से पटना, दिल्ली, मुंबई के लिए भी कोई ट्रेन नहीं है. रेलवे स्टेशन पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है. ना तो पेयजल है ना बिजली है. प्लेटफार्म काफी नीचे है, जिसके कारण आए दिन ट्रेन से उतरते एवं चढ़ते वक्त दुर्घटनाएं घटती रहती हैं. यहां के जनप्रतिनिधि इस समस्या के प्रति काफी उदासीन दिख रहे हैं. हम लोग रेलवे के विरुद्ध और अपने जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध आज इस धरना कार्यक्रम में बैठे हैं.
वहीं स्टेशन अधीक्षक को 13 सूत्री मांग पत्र समर्पित किया.
जिसमें सहरसा से कटिहार के बीच पैसेंजर ट्रेन चलाने, समस्तीपुर डिविजन द्वारा पूर्णिया कोर्ट में वाशिंग पिट स्टेबलिंग लाइन के लिए 32 करोड़ 35 लाख की लागत से बनना है, जो पेंडिंग पड़ा हुआ है, कार्य जल्द शुरू किया जाए. पूर्णिया कोर्ट, बनमनखी, मुरलीगंज के प्लेटफार्म का चित्रण किया जाए. पूर्णिया कोर्ट स्टेशन को टर्मिनल बनाया जाए एवं वहां बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. 23225/26 राजेंद्र नगर सहरसा इंटरसिटी का रखरखाव राजेंद्र नगर से होता है, इसे स्वतंत्र रूप से पूर्णिया कोर्ट से चलाया जाए. 14617/18 अमृतसर बनमनखी जनसेवा एक्सप्रेस को पूर्णिया कोर्ट तक विस्तारित किया जाए. पूर्व डीआरएन आर. के. जैन द्वारा घोषित पूर्णिया पटना रात्रि ट्रेन चलाई जाए. गुवाहाटी लखनऊ एक्सप्रेस एवं हरिहरनाथ एक्सप्रेस जो छोटी लाइन पर चला करती थी उन्हें पुनः उसके मूल रूट से चलाई जाए. 13169/70 हाटे बाजार एक्सप्रेस को सुपौल तक विस्तारित कर पूर्णिया से होकर सप्ताह में 4 दिन चलाई जाए. अमृतसर-सहरसा गरीब रथ को विस्तारित कर पूर्णिया कोर्ट से चलाई जाए. 15705 /06 चंपारण हमसफर एक्सप्रेस पिछले 1 वर्ष से बंद है इसे पुनः शुरू किया जाय. पूर्णिया से सहरसा होकर दिल्ली के लिए दैनिक सुपरफास्ट ट्रेन दी जाए. हाटे बाजार और जानकी एक्सप्रेस का ठहराव पूर्णिया कोर्ट एवं जानकीनगर भी किया जाए.
मौके पर चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष दिनेश मिश्रा, हेल्पलाइन सचिव विकास आनंद, अध्यक्ष संजय सुमन, अमित कुमार, श्याम कुमार, राजेश पासवान, अंकित कुमार, राजेश कुमार अग्रवाल, पवन साह, आशीष कुमार, विनय भगत, सूरज पंसारी, श्रवण तोसनीवाल, अभिलाष चौधरी, दीपक चौधरी, रामकृष्ण मंडल, संत कुमार, सुरेंद्र मंडल, सौरभ कुमार, रूपेश कुमार, विजय कुमार, दीपक चौधरी आदि दर्जनों गणमान्य लोगों के साथ मौके पर आरपीएफ एसआई बद्री प्रसाद मंडल, जीआरपी एएसआई बद्दन पासवान, आरपीएफ आरक्षी प्रिय रंजन कुमार, कुमार सानू, एसआईबी निलेश कुमार एवं स्थानीय पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस बल मौजूद थे.
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