माता, पिता एवं बुजुर्ग का भरण-पोषण हर हाल में करना होगा, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में विधिक सेवा प्राधिकार के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष सह ए.सी.जी.एम. शिव कुमार ने किया. 


इस दौरान उपस्थित गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में लोगों को कानूनी जानकारी देने के लिए पी.एल.वी. की नियुक्ति की गई है जो लोगों को कानूनी सहायता के साथ-साथ मुफ्त विधिक सहायता भी देगी. वहीं महिला या 18 वर्ष से कम उम्र की बच्ची या 16 वर्ष से कम उम्र का बच्चा हो या मानसिक रुप से बीमार या अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के औद्योगिक, श्रमिक आपदा, बाढ़, सुखाड़, भूकंप, जातीय दंगा या ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय डेढ़ लाख रुपया से कम हो, बेसहारा या अवैध मानव व्यापार के शिकार हो तो ऐसे लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी.


उन्होंने कहा कि आज बुढ़ापा एक बहुत बड़ी सामाजिक चुनौती बन गई है. इसलिए बुजुर्गों की सेवा एवं सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है. 2007 में संसद में माता-पिता सहित वरिष्ठ नागरिकों के संरक्षण के लिए कानून पास किया गया है. आज संयुक्त परिवार के टूटने से बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है. इसमें बुजुर्ग सदस्यों की देखभाल उचित प्रकार से नहीं हो पाती है. परिणाम स्वरुप जीवन के अन्तिम पड़ाव में भावनात्मक उदासी के साथ-साथ भौतिक एवं वित्तीय सुखों से वंचित दिखाई देते हैं.
आज के युग में बुढ़ापा एक बहुत बड़ी समाजिक चुनौती बन चुकी है. आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत भरण-पोषण के लिए खर्च प्राप्त करने के बुजुर्ग अधिकारी हैं. अगर माता-पिता 60 वर्ष से कम है तो भी वरिष्ठ नागरिक कानून की धारा 23 में यह व्यवस्था है कि जब कोई वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों के नाम कोई संपत्ति हस्तांतरित कर देता है और बाद में यदि उनका मान सम्मान एवं भरण पोषण नहीं किया जाता है तो उसके द्वारा किया गया हस्तांतरण संपत्ति अवैध घोषित किया जा सकता है. राज्य के प्रत्येक जिले में वरिष्ठ नागरिक प्राधिकरण स्थापित है. कानून का उद्देश्य बच्चों को सजा देना नहीं अपितु माता-पिता को संरक्षण देने का है. अगर बुजुर्ग को कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार से प्रताड़ित करता है तो वह जिला अधिकारी के पास जा सकता है. पुलिस स्टेशन जा सकता है या हेल्पलाइन नंबर 1291 पर फोन कॉल कर सकता है, जिसका 24 घंटे के अंदर संज्ञान लिया जाता है.  


वहीं अगर बुजुर्ग अकेले रहते हैं तो अपने बेटे से 10000 रुपया महीना गुजारा करने हेतु मांग सकता है. अगर नहीं देता है तो 3 महीने की सजा एवं 5000 रुपया जुर्माना लिया जा सकता है. अगर किसी बुजुर्ग की आय दो लाख से कम है तो निःशुल्क कानून की सुविधा भी उसे दी जाती है. 


इस दौरान उदाकिशुनगंज जेल अधीक्षक विकास केशव, बीडीओ मिन्हाज अहमद, सीओ अभय कुमार, कार्यालय लिपिक, अधिवक्ता त्रिपुरारी कुमार सिंह, पीएलवी रूपम कुमारी सहित मुखिया सुबोध ऋषिदेव, मुखिया प्रतिनिधि अनिल कुमार सिंह, चंदन चौधरी, विनोद अग्रवाल, अनुज सूरेका, राजेश्वर राज, विनोद कुमर, कपिल देव पासवान सहित अन्य लोग मौजूद थे.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)

माता, पिता एवं बुजुर्ग का भरण-पोषण हर हाल में करना होगा, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई माता, पिता एवं बुजुर्ग का भरण-पोषण हर हाल में करना होगा, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 03, 2021 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.