पति के अधूरे सपने को पूरा करने फिर चुनावी मैदान में हैं बेबी, पति RTI कार्यकर्ता की हुई थी निर्मम हत्या

मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के पंचायत सरौनी में इस बार का भी पंचायत चुनाव बहुत ख़ास है. यहाँ पांचवें चरण के तहत आगामी 24 अक्टूबर को मतदान होना है. जिले में चुनाव को कई सीटों पर अलग-अलग चरणों में हो रहे हैं, पर यहाँ प्रत्याशी के रूप में बेबी कुमारी पर इलाके के मतदाताओं की नजरें टिकी हैं. 


ख़ास पर दुःखद यह है कि बेबी कुमारी ने राजनीति में अपने सुहाग को खोया है. पति राजीव कुमार को लगातार कई सच उजागर करने की सजा मिली थी और उनकी हत्या 14 दिसंबर 2019 को कर दी गई थी. राजीव आरटीआई कार्यकर्ता थे और लगातार भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर सूचना के अधिकार के तहत वार कर रहे थे. यही वजह थी कि वर्ष 2016 में जब राजीव कुमार की पत्नी बेबी कुमारी चुनावी मैदान में मुखिया पद के लिए उतरी तो पंचायत की जनता ने उन्हें सर पर बिठा लिया. ग्वालपाड़ा प्रखंड में बेबी कुमारी को सर्वाधिक मत मिले थे. 

लेकिन बेबी को इसकी इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी जो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. विरोधियों को बेबी की जीत की बात नागवार गुजरी और दुश्मनों ने पत्नी की ताकत बने राजीव को ही रास्ते की साजिश रच डाली. 14 दिसंबर 2019 का वो मनहूस दिन था जब राजीव की निर्मम हत्या कर दी गई. एक बार तो बेबी टूट सी गई पर फिर नारी शक्ति ने हुंकार भरी और बेबी ने पति के सपनों को पूरा करने की ठानी. वे उसके बाद भी पंचायत के विकास कार्यों में लगी रही. उनके समर्थक बताते हैं कि  351 वृद्धावस्था पेंशन और लगभग 500 प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अपने ग्राम वासियों को दिलवाया. साथ ही जरूरी वार्ड में सात निश्चय के माध्यम से गली नाली का भी कार्य करवाया. 124 कबीर अंत्येष्ठी योजना के लाभ दिलाने के साथ-साथ अन्य लाभ भी पंचायत को दिलवाने की बात लोग कहते हैं. कोरोना के समय लोगों ने उन्हें खुद सेनेटाइजर मशीन के साथ घर-घर को सेनेटाइज करते तथा सुख-दुःख में लोगों के साथ खड़ा देखा.


इस बार भी बेबी पूरे जोश के साथ चुनावी मैदान में हैं, चूंकि उन्हें पति के सारे अधूरे सपने पूरे करने हैं. पांचवें चरण के मतदान के लिए ग्राम पंचायत सरौनी कला के निवर्तमान मुखिया बेबी कुमारी सोमवार को अपना नामांकन का पर्चा दाखिल किया. इस दौरान उनके समर्थकों की भीड़ रही.

अपनी जीत की पूरी उम्मीद रखी बेबी कुमारी कहती है पति ने जिस क्षेत्र को भ्रष्टों के चंगुल से बचाने के लिए कुर्बानी दी, उनकी लाज उन्हें रखनी है. अब तो उनके लिए पूरा पंचायत ही परिवार है.

(वि. सं.)

पति के अधूरे सपने को पूरा करने फिर चुनावी मैदान में हैं बेबी, पति RTI कार्यकर्ता की हुई थी निर्मम हत्या पति के अधूरे सपने को पूरा करने फिर चुनावी मैदान में हैं बेबी, पति RTI कार्यकर्ता की हुई थी निर्मम हत्या Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 05, 2021 Rating: 5

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