कविता पाठ के कुछ विशेष नियम भी थे जिसका सभी प्रतिभागियों ने पालन किया। प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अमोल राय एवं हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. विनय कुमार चौधरी थे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी डॉ. ललन प्रसाद अद्री एवं विशिष्ट अतिथि हिन्दी साहित्य में अपनी पैठ रखने वाले भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप थे. सभी अतिथियों को श्रीराम जी को समर्पित भगवा चादर ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांत प्रभारी रविभूषण कुमार एवं सुपौल के जिलाध्यक्ष नलिन चौधरी ने भी शिरकत किया. अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को अपने आशीर्वचन देते हुए उनके मनोबल को बढ़ाने की कोशिश की. उन्हें साहित्य में रुचिकर होने की प्रेरणा दी. साथ ही मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम के जीवन चरित्र को भी उल्लेखित किया. प्रतियोगिता में शिवानी कुमारी को प्रथम, सोनम आजाद को द्वितीय और तनु कामती को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. तीनों प्रतिभागियों को राष्ट्रीय कवि संगम मधेपुरा इकाई की तरफ से मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र और श्रीराम जी को समर्पित भगवा गमछा देकर सम्मानित किया गया.
इसके अलावे अन्य प्रतिभागियों निशा गुप्ता, प्राची कुमारी, दिव्य ज्योति, प्रियांशी राज, संगम कुमारी, आलोक कुमार आनन्द को उनके उत्कृष्ट काव्य अभिव्यक्ति के लिए प्रशस्ति पत्र एवं भगवा देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई. सभी प्रतिभागियों को डॉ. विनय कुमार चौधरी ने अपनी लिखी कुछ पुस्तकें भेंट की. कार्यक्रम को सफल बनाने में अमित कुमार का विशेष योगदान रहा, जिसके लिए उन्हें भी डॉ. विनय कुमार चौधरी की लिखी पुस्तकें एवं भगवा गमछा देकर सम्मान भेंट किया गया.
बच्चों का हौसला अफजाई करने पहुँचे जीनियस टीचिंग प्वाइंट के निदेशक ब्रजेश कुमार एवं कृष्णा कोचिंग सेंटर के निदेशक भारतेन्दु सिंघानिया को भी डॉ. विनय कुमार चौधरी की पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी को समर्पित इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अमित कुमार, रितेश कुमार, रौशन कुमार, आलोक कुमार आनन्द, धर्मेंद्र कुमार, रूपेश कुमार, सुनीत साना का अहम योगदान रहा. मंच संचालन राष्ट्रीय कवि संगम मधेपुरा इकाई की जिला संयोजक गरिमा उर्विशा ने किया. चुने गये प्रतिभागियों को अब राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भागीदारी का मौका मिलेगा.
(नि. सं.)

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