अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास निर्माण में संवेदक द्वारा अनियमितता की जांच करने पहुंचे जिला कल्याण पदाधिकारी
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जिला कल्याण पदाधिकारी छात्रावास निर्माण संबंधी सामग्री रखकर अतिक्रमण किए जाने पर संवेदक के प्रतिनिधि पर बिफर पड़े, कहा कि आप छात्रों के पठन-पाठन एवं छात्र के कमरे का अतिक्रमण नहीं कर सकते हैं. परिसर में आप अस्थाई निर्माण कर अपनी निर्माण संबंधी सामग्री को रखें.
छात्रावास के अवलोकन के उपरांत उन्होंने बताया कि समूचे छात्रावास के दरवाजे बदले जाने हैं. सभी दीवारों के पुराने प्लास्टर को हटाकर नया प्लास्टर किया जाना है. जबकि संवेदक द्वारा पुराने प्लास्टर पर पुट्टी करके राशि गबन करने की कोशिश की गई है. संवेदक द्वारा और कनीय अभियंता द्वारा प्राक्कलन प्रारूप छात्रावास अधीक्षक को नहीं उपलब्ध कराए जाने पर चिंता जताई और कहा कि जब तक प्राक्कलन प्रारूप आपके हाथों में नहीं आ जाता तब तक निर्माण व जीर्णोद्धार संबंधी काम बंद रहेगा.
के.पी. महाविद्यालय के प्रो. महेंद्र मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि फरवरी महीने में छात्रावास के अधीक्षक प्रशासनिक भवन का निर्माण शुरू किया गया था. निर्माण के समय संवेदक एवं वहां मौजूद उसके प्रतिनिधि द्वारा कार्यआदेश की प्रति उपलब्ध करवाने को कहा गया था लेकिन वह आज तक उपलब्ध नहीं करा पाए हैं और काम करते चले जा रहे हैं जो कि बी.ओ.क्यु. की कॉपी भवन निर्माण विभाग एवं कल्याण विभाग की पोर्टल साइट से ली गई तो काम बिल्कुल गलत पाया गया.
जिला कल्याण पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास में जीर्णोद्धार का कार्य कहीं दिख ही नहीं रहा है. 23 लाख 98 हजार 343 रूपये की राशि में स्पष्ट रूप से गबन करने का उद्देश्य है क्योंकि प्रकरण प्रारूप भी उपलब्ध नहीं करवाया गया है, जिससे कि मामले का खुलासा हो सके.
छात्रावास अधीक्षक द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी के समक्ष भवन निर्माण विभाग की पोर्टल साइट पर बीओक्यू निकाली गई थी. उसे उनके समक्ष रखा तो उन्होंने देखते हुए आश्चर्य जाहिर कहा कि यहां तो कुछ और है जबकि छात्रावास में पुराने प्लास्टर को तो हटाया ही नहीं गया है. पुट्टी डालकर चोरी करने का प्रयास किया गया है.
छात्रावास में मौजूद छात्र मोहन कुमार ने जिला कल्याण पदाधिकारी को बताया कि ना ही प्लास्टर हटाया गया है और जहां जहां दीवाल क्रैक थे वहां पुट्टी डालकर उसे बंद कर दिया गया है. छत पर कोई रिपेयरिंग का काम नहीं हुआ है और ना ही छत का प्लास्टर हुआ है. सब जगह पुट्टी डालकर ढकने का प्रयास किया जा रहा है.
नाइट गार्ड के रूप में कार्यरत राज किशोर प्रसाद से जब जिला कल्याण पदाधिकारी ने पूछा कि किसकी अनुमति से छात्रावास के अंदर निर्माण संबंधी सामग्री को रखा गया है तो वह निरुत्तर हो गया. वहीं उन्होंने निर्माण संबंधी जानकारी के विषय में बताया कि कहीं भी कोई पुराने प्लास्टर को हटाकर नहीं किया जा रहा है. सब जगह पुट्टी डालकर ढकने का प्रयास किया जा रहा है.
जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि फर्श, दरवाजे और खिड़की के निर्माण सभी कुछ लगाए जाने हैं. बिजली की वायरिंग, पंखे, लाइटिंग, सारी चीज नए सिरे से होनी है पर यहां तो संवेदक द्वारा बिल्कुल मनमाने ढंग से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है जो 5 से छ: लाख में समूचे काम को निपटा देना चाहता है. वहीं उन्होंने कहा कि भवन निर्माण विभाग नहीं बल्कि अन्य विभाग के अभियंता एवं कनीय अभियंता की टीम गठित कर प्राक्कलन के अनुसार काम के गुणवत्ता की जांच करवाई जाएगी.
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