यह वृहत रक्तदान शिविर शृंगी ऋषि सेवा फ़ाउंडेशन, प्रांगण रंगमंच, जीवन सदन चैरिटेबल ट्रस्ट, ऑल इंडिया मारवाड़ी महिला संघ और बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के साथ मिलकर किया जा रहा है. मधेपुरा ज़िले में हर महीने 250 यूनिट ब्लड की ज़रूरत पड़ती है.
इस रक्त दान शिविर का उद्देश्य खून की कमी से जूझ रहे मरीज़ को खून उपलब्ध करा कर उनकी जान बचाना है. आम लोगों को रक्त दान करने के लिए प्रेरित करना है. लोगों में दूसरों के प्रति प्रेम भाव रखते हुए जरूरतमंद को मदद पहुँचाना है. रक्तदान 20 साल से ऊपर का कोई भी आदमी हर तीन महीने के बाद पुनः कर सकता है. पूरे मानव जाति के खून का एक ही रंग- लाल होता है. रक्तदान एक ऐसा दान है जो जाति, धर्म, ऊँच नीच के भेद भाव के बंधन को मिटाना सिखाता है.
जिले के सभी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं से अपील है कि कल के मेगा रक्तदान शिविर में आकर स्वेच्छा से रक्तदान करें. थैलेसिमिया एक जन्मजात genetic disorder बीमारी है जिसको ज़ड़ से ठीक नहीं किया जा सकता है. मधेपुरा में 34 थैलेसिमिया के बच्चे हैं, जिनको हर 25-30 दिन पर एक यूनिट खून चढ़ाना पड़ता है ऐसे में किसी भी माँ बाप के लिए हर महीने अपने बल बूते पर एक यूनिट खून का इंतजाम करना असम्भव है और उन बच्चों का जीवन हम सभी स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले पर ही निर्भर करता है.
सबों से विनम्र अपील है कि कल के महा रक्तदान शिविर में बढ़-चढ़ कर भाग लें, रक्त दान जरूर करें.
(नि. सं.)

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