सहरसा पूर्णिया लाइफ लाइन कही जाने वाली सड़क जर्जर स्थिति में, प्रतिदिन होते हैं लोग दुर्घटना के शिकार, बारिश से हुए जलजमाव में बने गड्ढे में फँसते हैं छोटे-बड़े वाहन और क्षतिग्रस्त होते हैं कीमती कलपुर्जे.
मरम्मत एवं उचित रखरखाव के अभाव में सड़क दम तोड़ चुकी है. सड़क पर जलजमाव से सड़क के किनारे व सड़क पर बने गड्ढे लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर रही है. जर्जर सड़क के चलते वाहन चालक आए दिन हादसे का शिकार हो रहे हैं. अगर हल्की बारिश भी हुई तो मार्ग पर चलना जोखिम भरा रहता है.
हम बात कर रहे हैं मुरलीगंज दुर्गा स्थान चौक से लेकर मिड्ल स्कूल चौक, हाट बाजार होते हुए बेंगा पुल तक की पीसीसी ढलाई वाली सड़क जो 2008 के कुसहा त्रासदी की विभीषिका झेल कर अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. जिस हिसाब से वाहनों की संख्या सड़कों पर दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती गई उस हिसाब से सड़क की चौड़ाई दिन-ब-दिन कम होती चली गई. जबकि यहां बेंगा पुल से लेकर जिसकी दूरी लगभग 1 किलोमीटर है, मार्ग गारंटी अवधि में ही दम तोड़ चुकी है. पूरे मार्ग पर छोटे-बड़े खाईनुमा गड्ढे की भरमार है. आलम यह है कि मार्ग पर डामर की परते उखड़ गई है. पीसीसी ढलाई जगह-जगह से बड़ी मात्रा में टूट चुकी है. गिट्टी के बिखराव की झलकियां दिख रही है, जिससे मार्ग पर चलना मुश्किल हो रहा है. बेमौसम बारिश से रास्ते पर जलजमाव की स्थिति से मार्ग और भी खतरनाक रूप ले लेती है. इससे आए दिन वाहन चालक गड्ढों के जाल में फंस कर चोटिल हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण गांरटी अवधि होने के बाद भी मार्ग की मरम्मत नहीं हो पाना है. उपेक्षित होने के कारण मार्ग में जगह-जगह गड्ढे व नुकीले पत्थर झांकने लगी है, जिस पर हल्की बारिश से गड्ढे पर पानी का जमाव हो जाता है. ऐसे में इस मार्ग से आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
दुर्घटना का कारण बन रहा जर्जर मार्ग
सहरसा पूर्णिया की लाइफ लाइन कही जाने वाली यह सड़क बाजार में अतिक्रमण एवं सड़क निर्माण एजेंसियों की कोताही के कारण छोटी होती जा रही है, जबकि यहां पीडब्ल्यूडी की सड़क नक्शे में 40 फीट भूमि उपलब्ध है. आसपास लोगों को मजबूरी वश इस मार्ग से आवागमन करना पड़ रहा है, जो कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाती है. वाहन चालक रात को आवागमन करते समय गिरकर चोटिल हो रहे हैं. जर्जर सड़क की हालत देखकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. अगर बरसात से पहले मार्ग की मरम्मत हो जाती है तो आसपास के ग्रामीणों को आने जाने में परेशानी नहीं होगी.
गौरतलब हो कि पीसीसी ढलाई वाली सड़क को मरम्मत की दरकार नहीं होती है लेकिन पीसीसी ढलाई की सड़क पर अब अत्याधिक भार वाले माल वाहन गिट्टी बालू बोल्डर से लदे ट्रकों के गुजरने से सड़क दयनीय स्थिति में पहुंच गई है.
मार्ग इतना खराब हो गया है कि जगह जगह लंबे चौड़े खाईनुमा गड्ढे बन गए हैं. जहां पर गड्ढे नहीं है वहां पर गिट्टी, बोल्डर व नुकीले पत्थर का बिखराव है. अगर हल्की बारिश भी हुई तो मार्ग और खतरनाक रूप ले लेती है, जिससे रात को आवागमन करते समय वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं. ऐसे में अब तक मार्ग की मरम्मत नहीं होना समझ से परे है.
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