सीओ ने बताया कि इसमें सर्वे कार्य करने वाली एजेंसी के अधिकारियों द्वारा उपस्थित लोगों को हवाई सर्वे के तरीके और लाभ से अवगत कराया जाएगा. इसमें बताया गया कि अब जमीन सर्वे की प्रक्रिया छोटी कर दी गई है. सिर्फ दो स्तर के बाद नक्शा फाइल कर दिया जाएगा. नक्शा ऑनलाइन होगा और एक क्लिक करने पर जमीन के किसी भी प्लाट की स्थिति को लोग जान सकेंगे.
उन्होंने बताया कि अब सर्वे लंबा नहीं होकर सिर्फ दो स्तर पर होगा. जमीन का हवाई सर्वेक्षण के बाद काम करने वाली एजेंसी मैप देगी. इसके आधार पर प्लाट नंबर देकर डिजिटल नक्शा प्रकाशित किया जाएगा. फिर इसपर आपत्ति मांगी जाएगी. आपत्ति के बाद उसका सत्यापन कराकर उसे पुन: प्रकाशित किया जाएगा. इस पर आपत्ति का एक मौका और लोगों को दिया जाएगा. इसके बाद फाइनल स्तर पर नक्शा प्रकाशित कर उसे ऑनलाइन कर दिया जाएगा.
एएसओ अमित कुमार ने बताया कि नक्शा ऑनलाइन रहने से कोई भी जमींदार अपने प्लाट की लंबाई, चौड़ाई आदि की स्थिति आसानी से जान सकेगा. उन्होंने बताया कि पहले जमीन के सर्वे के लिए काफी लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था और काफी समय लगता था. इस दौरान अंचल अमीन प्रभात राम, कानूनगो मनीउद्धीन सहित कई कर्मी मौजूद थे.
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