मालूम हो कि ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. प्रभात कुमार कोरोना से संक्रमित होने के बाद पटना के अस्पताल मे भर्ती कराया गया. जब स्थिति में सुधार नहीं होने पर 5 मई को हैदराबाद के किमस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां मंगलवार को जिन्दगी और मौत के जंग हार गए. उनके आकस्मिक निधन की खबर उनके सबसे करीबी रहे स्थानीय ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. पंकज कुमार को मिली तो वे सकते में आ गए. तत्काल उन्होंने उनके करीबी से सम्पर्क किया जहां उनकी पुष्टि हुई तो मानो उनके ऊपर पहाड़ गिर पड़ा.
डा. कुमार की आपबीती बताते-बताते आँखे नम हो गई. कहा कि शायद ही कोई दिन होगा जिस दिन मेरे शुभचिंतक स्व प्रभात से बात न होता हो. चिकित्सा क्षेत्र में अक्सर मेरे सहयोगी रहे. उनके निधन से मेरी व्यक्तिगत क्षति हुई, साथ ही वे गरीब रोगी के मसीहा थे. उनके निधन से स्वास्थ्य जगत को भारी क्षति हुई है जिसकी भरपाई सम्भव नहीं है.
दूसरी ओर स्व. डा. प्रभात के इलाजरत जिले के रहने वाले रोगी प्रेम कुमार, विकाश सिंह, अनमोल यादव, खोखा मुखिया सहित दर्जनों रोगी के परिवार के लोगों ने कहा कि डा. कुमार गरीबों के हमदर्द थे, वे भगवान के अवतार थे. उनके पास पैसे से अधिक लोगों की जिन्दगी जरूरी था. पैसे के लिए कभी रोगी को अपने क्लिनिक से लौटने नहीं दिया. हमारा भगवान हमें छोड़कर चला गया.
शोक सभा आयोजित
बिहार के प्रसिद्ध ह्रदय रोग विशेषज्ञ प्रभात कुमार के निधन पर बुधवार को स्थानीय इमरजेंसी हॉस्पिटल के निर्देशक पंकज कुमार के नेतृत्व में शोक सभा का आयोजन किया गया, जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
शोक सभा में गणेश यादव, ई. मुरारी कुमार, चंचल कुमार, गोलू कुमार, अरविन्द कुमार, निधि कुमारी, चंचल कुमारी, मो. शहाबुद्दीन, अरूण यादव, मनोज कुमार, संजीव कुमार, तेज बहादूर सिंह, पुष्पक कुमार, मो. निषाद, निशांत कश्यप, गौरव कुमार, बुटन सिंह आदि श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके निधन से चिकित्सा जगत सकते में है. उन्होंने कहा कि डा. प्रभात गरीबों के मसीहा थे.

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