सरकार के निर्णय के आलोक में अबतक किसी भी पंचायत में पूर्ण रूप से मास्क वितरण नहीं हो पाया है. मास्क वितरण की जमीनी हकीकत चौंकाने वाली है. ग्राम पंचायतों में मास्क का वितरण आंशिक रूप से ही किया जा सका है. सवाल है कि यह मास्क लोगों को कोविड से बचाव के लिए दिया जा रहा है. यह ग्राम पंचायत की पुल-पुलिया योजना नहीं है कि 10 दिन बाद भी काम किया जाता है तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मास्क कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर दिया जाना है, ताकि संक्रमण को एक-दूसरे में फैलने से रोका जा सके, परन्तु जब यह मास्क संक्रमण के पूरी तरह फैल जाने के बाद दिया भी जाता है तो उसका कोई मायने नहीं रह जाता है.
गौरतलब हो कि एक पंचायत में कम से कम 15 से 20 हजार के आसपास मास्क का वितरण होना है. मास्क की खरीददारी एवं वितरण में इस बार पंचायत के मुखिया को अलग रखा गया है. मास्क की खरीदारी में जीविका को प्राथमिकता देनी है. पुरैनी प्रखंड अन्तर्गत ही 9 ग्राम पंचायत है. कुल मिलाकर सिर्फ इसी प्रखंड में लगभग दो लाख मास्क की जरूरत होगी. अब सवाल यह है कि इस निर्धारित अवधि में जीविका की ओर से इतनी संख्या में मास्क उपलब्ध करा पाना कितना संभव है. मास्क वितरण में इस बार पंचायत सचिव के साथ पंचायत कार्यपालक सहायक, विकास मित्र एवं किसान सलाहकार को सहयोग में रखा गया है. चूँकि मास्क खरीद एवं वितरण से पंचायत के मुखिया को अलग रखा गया है, इसलिए ग्राम पंचायत के मुखिया मास्क वितरण में अपनी ओर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. प्रखंड के कर्मचारियों ने कहा कि लगभग पैंतीस हजार मास्क प्रखंड में आया है. इसे 9 पंचायतों में वितरण किया जा रहा है. मास्क की संख्या कम होने से सभी पंचायत में वितरण होने में देर हो रही है.
इस संबंध में बीडीओ बिरेंद्र कुमार ने कहा कि कार्यपालक सहायक मास्क का वितरण कर रहे हैं. अबतक 35000 मास्क वितरण हो चुका है. प्रखंड में 1 लाख 78 हज़ार मास्क का वितरण करना है जो कि समय रहते पूरा हो जायेगा. साथ ही बीडीओ ने बताया कि पुरैनी प्रखंड मास्क वितरण में जिला भर में प्रथम है.

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