"जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था" - इंटक

मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज में 1 मई - अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में इंटक कार्यालय में कोविड-19 का प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सरकार के रवैयै के विरुद्ध सांकेतिक रूप से मजदूर दिवस का कार्यक्रम मनाया गया. 

इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यदि कोरोना महामारी को देखें तो "रोम जब जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था" वाली कहावत केंद्र एवं राज्य की सरकार चरितार्थ कर रही है. देश के लोग अस्पतालों में बदइंतजामी, बेड, ऑक्सीजन एवं दवाओं की कमी के चलते रोज हजारों की संख्या में दम तोड़ रहे हैं. श्मशान घाटों पर लाशों की लाइनें लगी हैं परंतु सत्ताधारी दल राज्यों में चुनाव के दौरान सारे प्रोटोकॉल को तोड़कर सत्ता हथियाने में लगी रही. देश पर छाए इस संकट से उबरने के मूर्खतापूर्ण दावे एवं मन की बात भी होती रही. देश को आत्मनिर्भर बनाने वाले सत्ताधारी नेता हाथ जोड़ कर दुनिया के देशों से अब सहायता की भीख मांग रहे हैं. इन सबके बावजूद चेहरे एवं कपड़े की चमक-दमक पर कोई सिकन एवं सिकुड़न दिखाई नहीं पड़ रही है.

संजय सिंह 

मजदूर दिवस के अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि विभिन्न तथ्यों के साथ 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री को ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया है. मुख्य रूप से कोरोना महामारी से देश को बचाने, वैक्सीन से कॉरपोरेटों का मुनाफा न बढ़ाने, देश के मेहनतकश मजदूरों को रोजगार, छोटे व्यवसायियों एवं फुटपाथ दुकानदारों का कारोबार सुनिश्चित करने, पीएम केयर फंड का उपयोग करने, सार्वजनिक क्षेत्र की दवा एवं ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों को मजबूत करने, सार्वभौमिक मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करने, अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने, सभी गैर आयकर दाता परिवारों को ₹7500 प्रतिमाह नगद भुगतान करने एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले परिवारों के प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह 10 किलो मुफ्त अनाज देने के अतिरिक्त सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों एवं श्रमिकों के लिए व्यापक बीमा कवरेज आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. 

अंत में मजदूर आंदोलन के शहीदों एवं कोरोना महामारी के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. मौके पर हीरा पासवान, दिलीप पोद्दार, मिना देवी, फुलेश्वर पोद्दार, मुंगो देवी, देवता देवी, रिंटु कुमार, सुकिता देवी, नरेश मंडल, मो० कुर्बान आलम सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.

"जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था" - इंटक "जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था" - इंटक Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 02, 2021 Rating: 5

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