इस बावत संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कमिश्नर श्री महिवाल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को कोविड संबंधित सुविधाओं का अस्पताल घोषित किया गया है. यहां मूलतः ऑक्सीजन की उपलब्धता, आवश्यकता और प्रतिदिन खपत तथा वेंटिलेटर का अधिकतम सदुपयोग को सुनिश्चित करने तथा कोरोना से लड़ रहे फ्रंट लाइन वर्कर और वारियर्स को ज्यादा से ज्यादा मदद कर सके का प्रयास हो रहा है. मेडिकल कॉलेज में जितने भी पद खाली हैं उनमें 10 मई को रोस्टर के अनुसार बहाली किया जायेगा. कोविड की लड़ाई में मेडिकल कॉलेज को जितना सुदृढ़ किया जा सकता है, उतना इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया जायेगा ताकि यहाँ से कम से कम समय में लोग स्वस्थ होकर घर जा सके.
वहीं जिला प्रशासन लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है. कहा गया कि कोविड में यह मेडिकल कॉलेज वरदान साबित हो रहा है. जो भी छोटी मोटी समस्या है उसके लिए बैठक की गई है. चिकित्सकों के अनुपस्थित रहने के सवाल पर कहा कि कोई भी कर्तव्यहीनता पर महामारी अधिनियम के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो रही है. इसके प्रशासनिक अधिकारी के रूप में प्रिंसिपल और अधीक्षक ही हैं. 500 बेड का कोविड अस्पताल कब से सुचारु रूप से चलने लगेगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि काम चल रहा है, दो से तीन माह में सक्सेस हो जायेगा. कई चिकित्सक कोविड से संक्रमित भी हो गये थे लेकिन उन्होंने कहा कि जो भी ज्यादा देर अंदर रहेगा चाहे वो पीपीई कीट ही क्यों न पहने हो, सावधानी बरतें, कोविड हो सकता है. उन्हें आइसोलेटेड कर स्वस्थ किया जा रहा है.
वहीं 50 बेड की ही ऑक्सीजन क्षमता है, के सवाल पर कहा कि 180 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत है. 200 सिलेंडर ऑक्सीजन का आ रहा है. ऑक्सीजन के अभाव में कोई मौत नहीं हो रही है. अभी भागलपुर और मुजफरपुर से ऑक्सीजन आ रहा है और भी जगह से मंगाने का प्रयास हो रहा है. मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन शुरू हो रहा है. 24 घंटे बिजली नहीं रहने के सवाल पर कहा कि एलएंडटी से बातचीत हो गई है, काम चल रहा है. आगे से ऐसा नहीं होगा.

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