जुर्माना की राशि नहीं देने पर 06 माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी. जुर्माने की सजा की राशि में से आधी राशि मृतिका की दो वर्षीया पुत्री अंशिका सिंह को देने का आदेश न्यायालय ने दिया है. इसके अलावे न्यायालय ने विक्टिम कंपनसेशन फंड से अंशिका को दो लाख रूपये देने का आदेश दिया है.
क्या था मामला ?
मामले में सूचक मृतिका के पिता उदाकिशुनगंज थाना के शहजादपुर निवासी त्रिलोकी सिंह के अनुसार उनकी बेटी की शादी मधेपुरा सुखासन निवासी आशीष कुमार के साथ 07/05/2015 को हिन्दू रीति-रिवाज के साथ हुई थी. शादी में उपहार स्वरुप लड़की के पिता ने 10 लाख रूपये के सोना एवं चांदी के गहने व कपड़े अपनी बेटी को दिए थे लेकिन शादी के लगभग डेढ़ साल बाद ही लड़के एवं उसके पिता ने श्वेता से पांच लाख रुपया और सोने की चेन की मांग करने लगे लेकिन श्वेता के परिवार वाले ने जब इसमें असमर्थता जाहिर की तो श्वेता के ससुराल वाले उसे विभिन्न तरीके से प्रताड़ित करने लगे.
17/02/2019 को श्वेता ने एक पुत्री को जन्म दिया. 11/04/2019 को आशीष कुमार एवं अशोक कुमार सिंह सूचक से फिर से दहेज़ की मांग करने लगे लेकिन सूचक के मना करने के बाद 12-13 अप्रैल 2019 को उसके दामाद आशीष कुमार का फोन सूचक के पुत्र रोहित कुमार को आया कि श्वेता का तबियत ठीक नहीं है, उसे मिशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जब सूचक अपने रिश्तेदारों के साथ आनन्-फानन में मिशन अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि उसकी पुत्री श्वेता मर चुकी है और उसे वापस सुखासन घर ले जाया गया है और जब सूचक सुखासन पहुंचा तो पाया कि वहां कोई नहीं है और श्वेता का मृत शरीर घर के बरामदे पर रखा था. घर खुला था और घर में कोई नहीं था. सूचक ने पाया कि श्वेता के गले में रस्सी से दबाने का निशान है.
इस सम्बन्ध में सूचक ने मधेपुरा थाना काण्ड संख्या- 350/19 भा.द.वि. की धरा 304 B, 134 भा.द.वि. के अंतर्गत पति आशीष कुमार सिंह, ससुर अशोक कुमार सिंह, सास हीना देवी, ननद सीमा देवी एवं सीमा देवी के पति राजेश कुमार सिंह के विरुद्ध दर्ज करवाया. न्यायालय ने बाद में इसमें 498 A के तहत् में आरोप तय किया. इस काण्ड में हीना देवी, सीमा देवी एवं राजेश कुमार सिंह के विरुद्ध पूरक अनुसंधान जारी है.
इस मामले में अभियोजन के तरफ से कुल 09 गवाहों का परीक्षण हुआ. सूचक त्रिलोकी सिंह ने कहा कि न्याय की जीत हुई है, दोषी को सजा मिली है. वहीं उक्त मामले में अभियोजन की ओर से बहस लोक अभियोजक इन्द्रकांत चौधरी एवं बचाव पक्ष से सुमन कुमार सिंह कर रहे थे.
(नि. सं.)

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