बता दें 26 जनवरी को उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया. जिलाध्यक्ष मुरारी कुमार सिंह ने बताया कि हिन्दुस्तान अखबार में लगभग 25 वर्षों तक सेवा देने के बाद मंगलवार को बिनोद कुमार राजा बाबू अंतिम सांस ली. मंगलवार को पटना में हृदय गति रूक जाने के कारण उनकी मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि वे पत्रकार के साथ-साथ एक कुशल व्यवसायी भी थे. पूरे जिले में राजा बाबू के नाम से लोकप्रिय थे. उनके अचानक चले जाने से पत्रकारिता जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है. उनकी कमी पूरी कर पाना से हर संभव नहीं है. जिलाध्यक्ष ने मांग किया कि पत्रकार राजा बाबू को केंद्र सरकार चलाए जा रहे 'पत्रकार कल्याण योजना' का लाभ मिले.
आइरा संरक्षक मंडल के सदस्य डॉ सरोज कुमार ने कहा कि विनोद कुमार उर्फ राजा बाबू असमय निधन हम सबके लिए बहुत दुखदाई है. हमारे पत्रकार साथियों के साथ उनका ऐसा संबंध रहा कि दिल आज भी यह स्वीकार करने को तैयार नहीं कि वह अब हमारे बीच नहीं रहे. लेकिन नियति का यह विधान है और हम लोगों को भी यह स्वीकार करना ही पड़ा कि अब वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा लोगों के बीच रहेंगी. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में पत्रकार संघ आइरा उनके परिवार जनों साथ है.
मौके पर डॉ सरोज कुमार, प्रोफेसर प्रदीप कुमार झा, मनीष कुमार सहाय, प्रवीण कुमार उर्फ मुकुल वर्मा, बंटी सिंह, रमण कुमार, रविकांत कुमार, सुनीत साना, पिंटू कुमार, मुकेश कुमार, शुभकरण कुमार, चंचल कुमार, मिथिलेश कुमार रामानंद कुमार, दिलखुश कुमार आदि ने नम आखों से श्रद्धांजलि अर्पित की.
(नि. सं.)

No comments: