सपने चकनाचूर: डॉक्टर बनने का ख्वाब लेकर सोनू गए थे यूक्रेन, परिवार कर रहे लाश का इन्तजार

मधेपुरा के इस पिता ने अपने इकलौते बेटे से ढेरों ख्वाब पाल रखे थे और दोनों बहनों का भी सपना था कि भाई एक बड़ा डॉक्टर बनकर परिवार का नाम ऊँचा करेगा. पर अचानक सबके सारे सपने बिखर गए. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे मधेपुरा के सोनू के मौत की आई खबर ने सबको तोड़ कर रख दिया है.

मधेपुरा के आजाद नगर वार्ड नं. 12 के निवासी और जिले के कुमारखंड अंचल में राजस्व कर्मचारी के पद पर पदस्थापित पिता रविन्द्र कुमार 25 वर्षीय जवान बेटे के मौत की खबर से सदमें में हैं और अब तो गम इस बात का भी है कि यूक्रेन से बेटे का शव भी भारत आने में चार-पांच दिन लग सकते हैं. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बचपन से ही मेधावी सोनू का दाखिला एम.बी.बी.एस. के लिए यूक्रेन में हुआ था और अभी पढ़ाई का तीसरा वर्ष ही था कि भारत के एम्बेसी को यूक्रेन से सोनू कुमार की मौत की खबर ई-मेल से मिलती है. भारतीय एम्बेसी ने फिर ये खबर मंगलवार को सोनू के घर भेजी तो घर में कोहराम मच गया. अभी तो यही बताया जा रहा है कि मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है.

विदेश में पढ़ाई कर रहे सोनू के शव को लाने की प्रक्रिया भी कठिन है. परिजनों ने बताया कि पिता ने मधेपुरा के जिलाधिकारी को इस सम्बन्ध में आवेदन दे दिया है, पर एम्बेसी का कहना है कि शव वापस आने में चार दिन और लग सकते हैं. बेटे की मौत ने माँ-पिता और दोनों छोटी बहनों समेत उनके सभी जानने वालों को हिला कर रख दिया है. एक होनहार युवक का इस उम्र में यूं चले जाना सबकी समझ से बाहर है. अब तो शव आने के बाद ही और कुछ साफ़ हो सकेगा.

(वि. सं.)

सपने चकनाचूर: डॉक्टर बनने का ख्वाब लेकर सोनू गए थे यूक्रेन, परिवार कर रहे लाश का इन्तजार सपने चकनाचूर: डॉक्टर बनने का ख्वाब लेकर सोनू गए थे यूक्रेन, परिवार कर रहे लाश का इन्तजार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 13, 2021 Rating: 5

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