'किसान विरोधी काला कानून' के खिलाफ प्रधानमंत्री का पुतला दहन

मधेपुरा में आज किसान विरोधी तीनों कानून एवं प्रस्तावित बिजली बिल के खिलाफ अखिल भारतीय किसान सभा एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर दिल्ली के बॉर्डर पर किसान संघठनों के "घेरा डालो डेरा डालो" आंदोलन के समर्थन में आज यहां बाम किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया. 

इस अवसर पर भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य एवं किसान नेता प्रमोद प्रभाकर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा केंद्र की सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है. इनके नीतियों के कारण खेती और किसानी तबाह हो चुकी है, बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और इस विषम परिस्थिति में मनमाने तरीके से संसद के अंदर कृषि संबंधित 3 काला कानून पारित करना किसानों के ऊपर वज्रपात के समान है. उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर "घेरा डालो डेरा डालो" आंदोलन कर रहे किसानों में से 15 किसानों की मौत हो चुकी है. इसके लिए जिम्मेदार मोदी सरकार को शर्म नहीं आती है. 

भाकपा नेता ने कहा कि सरकार अगर काला कानून वापस नहीं लेती तो संघर्ष उग्र एवं और तेज होगा. भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार किसान एवं मजदूर विरोधी है. यह तीनों काला कानून कारपोरेट परस्त कानून है. सरकार इसे वापस ले अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे. माकपा के जिला मंत्री मनोरंजन सिंह एवं राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि मोदी सरकार की कृषि कानून अडानी और अंबानी की कानून है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने के बाद अब वह खेती और किसानी को बेचने पर आमदा है. भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया, किसान महासभा के जिला सचिव शंभू शरण भारतीय एवं वरीय नेता भारत भूषण सिंह व अधिवक्ता श्यामानंद गिरी ने कहा कि किसानों का दमन नहीं सहेंगे. केंद्र सरकार दिल्ली में संघर्षरत किसान संगठनों के नेताओं से वार्ता करें अन्यथा पूरे देश में करोड़ों किसान सड़क पर उतर कर मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे. 

इस अवसर पर बाम किसान संगठन के नेता कौशल किशोर सिंह राठौर, सीताराम रजक, दिलीप पटेल, सीताराम यादव, दशरथ यादव, अमनदीप कुमार, कृष्ण कुमार यादव, महेश्वरी यादव, लखन साह, राजेंद्र यादव, बलदेव यादव, सचिन यादव, मोहम्मद सनाउल्लाह, सीतो यादव, छात्र नेता वसीम उद्दीन ऊर्फ नन्हे, मोहम्मद इरशाद, विमल विद्रोही, युवा नेता शंभू क्रांति, कृष्णा मुखर्जी, विवेका कुमार, बृजेश कुमार सिंह, शिवम कुमार, सुशील कुमार, महिला नेत्री प्रमिला देवी, बुधिया देवी, मानती देवी, शोभा देवी, उर्मिला देवी, मीना देवी, रजिया देवी आदि बड़ी संख्या में वामपंथी कार्यकर्ता शामिल थे. मौके पर कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

'किसान विरोधी काला कानून' के खिलाफ प्रधानमंत्री का पुतला दहन 'किसान विरोधी काला कानून' के खिलाफ प्रधानमंत्री का पुतला दहन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 14, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.