'जब सांसारिक बाधा परेशान करने लगे तो श्री हरि के भजन में डुबकी लगाना चाहिए'

परमपूज्य त्रिकालदर्शी संत श्री देवराहाशिवनाथ दास जी महाराज ने नन्दकिशोर माधवानन्द बाबा सर्वेश्वरनाथ आलमनगर के प्रांगण में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि संसार में रहकर ईश्वर के निज धाम के सुख को कोई नहीं जान सकता है. 

चूंकि वहाँ के आनंद से मतलब है अपितु यहां के दुख सुख से मतलब नहीं है. जैसे हाडा बिरहनी घेर कर काटने लगे तो उस स्थिति में पानी में डुबकी लगाने से आदमी बच जाता है. इसी तरह जब सांसारिक बाधा जीव को परेशान करने लगे तो श्री हरि के भजन मे डुबकी लगाना चाहिए. जिससे कि जीव सांसारिक बाधा से मुक्त हो जाए. भगवान के भजन करने से सांसारिक बाधा से जीव मुक्त हो जाता है. सामवेद से किए गए भजन से वह भजन चौबीसों घंटे जीव पर हावी रहता है. भगवान भी अपने श्रीमुख से कहे हैं कि- नाहम् वसामि बैकुंठे योगिनां हृदय न च मद् भक्ता यत्र गायंति तत्र तिष्ठामि नारद्. कीर्तन अपने आप में प्रसाद है.

वहीं इस दौरान विनोद महंत, मनोज कुमार मनोहर, मुन्ना सिंह, डॉक्टर पंकज, डा. लालबिहारी गुप्ता, संतोष जी, भोजपुर मुखिया संघ के महासचिव राजेश्वर पासवान, रामदास, विजय तिवारी, प्रकाश आनंद, अद्वैत आनंद, मुन्ना साह, हीरालाल साह, मिंटू सिंह, टींकू, विनय सहित खगड़िया, बेगूसराय, पटना, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, आलमनगर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया के सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.

(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)

'जब सांसारिक बाधा परेशान करने लगे तो श्री हरि के भजन में डुबकी लगाना चाहिए' 'जब सांसारिक बाधा परेशान करने लगे तो श्री हरि के भजन में डुबकी लगाना चाहिए' Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 26, 2020 Rating: 5

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