आंदोलनकारी किसानों पर दमन और कृषि कानूनों के खिलाफ भाकपा माले का विरोध प्रदर्शन

भाकपा-माले के राज्यव्यापी आह्वान पर माले कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन निकाला. विरोध प्रदर्शन का समापन सुभाष चौक पर किया गया. सुभाष चौक पर एक सभा का आयोजन किया गया. 

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले जिला संयोजक कामरेड रामचंद्र दास ने कहा कि मोदी सरकार जो किसान बिल लाई है वह किसान विरोधी है. इस काला कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान आंदोलन पर हैं. माले किसानों के आंदोलन का समर्थन करती है और मोदी सरकार से मांग करती है कि वह आंदोलनरत किसानों के ऊपर बर्बर हमला बंद करे और किसान विरोधी काला कानून वापस लें. कामरेड दास ने कहा कि तीन कृषि बिल की वापसी के लिए किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में है. एक ओर किसानों की दुश्मनी मोदी सरकार व कॉर्पोरेट घराने से है तो वहीं दूसरी ओर किसान व उनके समर्थन में देश की जनता है. 

किसान नेता कामरेड शंभू शरण भारतीय ने कहा कि किसान में एकता है और एक स्वर में केंद्र सरकार से 3 किसान विरोधी, जन विरोधी कानूनों, जो कॉर्पोरेट के हित की सेवा करती है और जिन्हें बिना चर्चा पारित किया गया तथा बिजली बिल 2020 की वापसी की मांग करती है. किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है लेकिन मोदी सरकार बर्बर हमला कर रही है. अगर सरकार किसानों की मांग को नहीं मानती है तो पूरे देश के किसान दिल्ली कूच करेंगे. मधेपुरा के किसान भी पीछे नहीं रहेंगे.

विरोध प्रदर्शन में सीताराम रजक, शाज़दा खातून, प्रमिला देवी, ताज आलम, सुभाष मल्लिक, शंकर कुमार, बद्री राम, रंजीत कुमार, पुनीता कुमारी, उर्मिला देवी, पानो देवी, मीना देवी, सुनेर देवी, अनिला देवी, शांति देवी, महया देवी शशिकला देवी, आमला देवी, अनिल शर्मा, नाजिम, अशोक दास, चुनचुन ऋषिदेव, सावित्री देवी, झिडीया देवी, लीला देवी, बुधनी देवी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.

आंदोलनकारी किसानों पर दमन और कृषि कानूनों के खिलाफ भाकपा माले का विरोध प्रदर्शन आंदोलनकारी किसानों पर दमन और कृषि कानूनों के खिलाफ भाकपा माले का विरोध प्रदर्शन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 30, 2020 Rating: 5

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