मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड के परमानपुर ओपी क्षेत्र के शहीद आशुतोष ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए घैलाढ़ प्रखंड के परमानंदपुर पंचायत के जागीर टोला निवासी शहीद कैप्टन आशुतोष कुमार के घर पर सोमवार को सांत्वना देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.
वहां आने वाले हर किसी से शहीद कैप्टन आशुतोष के परिजन यही कह रहे थे कि कहां तो वे दीपावली में खुद आने वाले थे, अब उनका पार्थिव शरीर आएगा.
दरअसल 7 नवंबर की रात को कैप्टन आशुतोष ने घर पर फोन किया था. उन्होंने मां गीता देवी और छोटी बहन से कहा था कि वह दीपावली पर अपने घर आएंगे. परिवार के साथ दीपावली-छठ की खुशियां मनाएंगे. दरअसल कैप्टन के पद पर प्रमोशन के बाद लगभग नौ माह से उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में ही लगी थी. जहां रविवार की अहले सुबह वे अपने बीएसएफ के 12 जवानों के साथ पेट्रोलिंग पर थे. इसी क्रम में पेट्रोलिंग पार्टी ने देखा कि माछिल सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से 5 आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद पेट्रोलिंग पार्टी ने आतंकियों को ललकारा. कैप्टन आशुतोष अपनी टीम की अगुआई कर रहे थे. दो आतंकियों को उन्होंने वहीं ढेर कर दिया लेकिन आगे बढ़ने के क्रम में वे आतंकियों की गोली के शिकार हो गए. इस दौरान कैप्टन आशुतोष समेतचार जवान शहीद हो गए, जबकि उन्होंने तीन आतंकियों को मार गिराते हुए घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया.
13 साल पूर्व ही सैनिक बनने के सपने को लगा था पंख
कैप्टन आशुतोष के सैनिक बनने के सपने को पंख 13 साल पूर्व ही लग गया था, जब उन्होंने वर्ष 2007 में सैनिक स्कूल में छठी कक्षा में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा पास की थी. उनका चयन सैनिक स्कूल भुवनेश्वर के लिए हुआ था. इकलौता बेटा होने के कारण परिवार के लोग आशुतोष के आर्मी ज्वाइन करने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं थे, लेकिन सैनिक बन कर देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने की ठान चुके जुनूनी आशुतोष ने वर्ष 2014 में एनडीए की परीक्षा पास करते हुए लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हो गए. फिर जून 2020 में कैप्टन के पद पर पदोन्नति पाते हुए 18 मद्रास रेजीमेंट में शामिल होकर 9 माह से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में तैनात थे.
अधिकारियों ने पहुंचकर परिजन को दी सांत्वना
सोमवार को हर किसी के पांव शहीद कैप्टन आशुतोष के गांव की ओर ही मुड़ रहे थे. पहले सीओ चंदन कुमार और परमानंदपुर ओपी अध्यक्ष झोंटी राम समेत कई ग्रामीण और जनप्रतिनिधि गए. दोपहर बाद सदर एसडीएम नीरज कुमार और एसडीपीओ अजय नारायण यादव ने पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी. उनलोगों ने ग्रामीणों के साथ दाह-संस्कार स्थल का भी निरीक्षण किया.
उधर सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल बी. एच. शर्मा के द्वारा बिहार सरकार को जारी पत्र में शहीद आशुतोष कुमार के बारे में सूचना दी गई है कि उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को 02 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा जहाँ से उन्हें उनके गाँव ले जाया जाएगा. उनके साथ सूबेदार सिजू पी. तथा हवलदार वेंकटा रमण जी. मौजूद रहेंगे और उनका अंतिम संस्कार पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा.
वहीँ जिला पदाधिकारी मधेपुरा के द्वारा निर्गत एक आदेश के मुताबिक़ उनका पार्थिव शरीर पटना हवाई से गांव लाया जाएगा जहाँ पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा जहाँ जिला प्रशासन के अधिकारी भी उन्हें सम्मान देने उपस्थित रहेंगे. जाहिर है, मधेपुरा और बिहार के लिए ऐसे जांबाज कैप्टन आशुतोष का शहीद होना बेहद गमगीन करने वाली खबर है.
दीपावली में खुद आते, पर अब ..... शहीद आशुतोष के पार्थिव शरीर के इंतजार में हजारों आंखें नम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 09, 2020
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 09, 2020
Rating:



No comments: