फर्जी बैंक के खिलाफ महिलाओं ने थाना के सामने किया विरोध प्रदर्शन, बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर व एक एजेंट को बनाया बंधक
हंगामा कर रही महिलायें लोन दिलाने के एवज में ठगी करने वाले निजी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर व एक एजेंट को शनिवार देर शाम बंधक बनाकर रखा था। इसी दौरान चौसा पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने पहुंचकर उक्त बंधक लोगों को कब्जे में लेकर पुलिस ने थाने में लाकर हाजत में बंद कर दिया था। इसी बीच महिलाओं को पता चला कि बंधक बनाएं आरोपी को पुलिस छोड़ दिया है। उक्त गांव व आस पास की सैकड़ों महिलाएं थाना गेट के सामने सड़क मार्ग करीब एक घंटे जामकर बिचौलियो से रूपये वापसी कराने और उसके खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग कर रहे थे।
पीड़ित महिला नूतन देवी, रीना देवी, पूनम देवी, सुलेखा देवी, कंचन देवी, गीता देवी, प्रमिला देवी, सविता देवी, नीलम देवी, रवीना खातुन, रंभा देवी, रिंकी देवी, प्रियंका देवी, मीना देवी, रेणू देवी ने कहा कि पैना पंचायत के छोटकी बढ़ौना के परमानंद राम और आलमनगर थाना क्षेत्र के कुंजरी के श्रीलाल साह ने उन लोगो को शांति केयर ग्रामीण विकास निधि प्राईवेट लिमिटेड ब्रांच से 15-15 सदस्य टीम की महिलाओ को 50-50 हजार रुपए का लोन दिलाने के एवज में 2-2 हजार रुपए प्रत्येक महिलाओ से एडवांस के तौर पर जमा लिया गया।
पीड़ित महिलाओं ने कहा कि लोन दिलाने के एवज उन लोगो से वसूल की गई राशि के कई दिन बीत जाने के बावजूद भी उन लोगो के 15 सदस्यीय टीम में लोन नही दिये जाने पर वे लोग एडवांस में दी गई राशि को वापस करने की मांग की तो वे लोग टालमटोल करने लगे। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर की अहले सुबह उन लोगो को लोन दिलाने वाले बढ़ौना के परमानंद राम और आलमनगर के श्रीलाल साह गांव पहुचे तो महिलाओ ने उक्त दोनो बिचौलियो को पकड़ लिया। इसके बाद मामले की जानकारी चौसा थाने को दी। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने दोनो बिचौलियो को पकड़ कर थाने ले गए। इसी दौरान थाना पहुंची ठगी की शिकार हुई महिलाओ ने रूपये वापसी करने और बिचौलिये के खिलाफ कारवाई करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
काफी मशक्कत के बाद सड़क पर से जाम हटाया गया तथा महिलाओं से आवेदन देने की बात पुलिस प्रशासन कर रही थी लेकिन महिलाओं का कहना था कि हम लोग केस में नहीं पड़ना चाहते हैं हमें हमारे पैसे वापस चाहिए.

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