वहीं पलायन कर रहे मजदूरों से पूछने पर उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने हम लोगों के साथ छलावा किया. बिहार सरकार ने कहा था कि हम सभी को बिहार में ही रोजगार मुहैया कराएंगे लेकिन कई महीने बीत गए चुनाव नजदीक आ गया आचार संहिता भी लागू हो गई लेकिन सरकार ने कोई भी ठोस कदम हम मजदूरों के लिए नहीं उठाया. अभी हमारे घर में फाके चल रहे हैं. बीवी बच्चे को खाने के लाले पड़ गए हैं. आखिर हम मजदूर करें तो क्या करें यहां कोई रोजगार नहीं है हम लोग तो कसम खा कर आए थे कि अब कभी भी दिल्ली, पंजाब नहीं जाएंगे, घर में ही रोजी-रोटी कमाएंगे लेकिन यह संभव हो नहीं पाया क्योंकि यहां कोई रोजगार ही नहीं है. रोजगार का कोई साधन नहीं है.
बताते चलें कि चौसा प्रखंड मुख्यालय से प्रत्येक दिन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के लिए एक दर्जन से अधिक बस चलती है, जिसमें प्रत्येक दिन सैकड़ों मजदूर बिहार छोड़कर अन्य राज्य को पलायन कर रहे हैं. पुरुष तो पुरुष पलायन करने में महिला बच्चे भी शामिल हैं.
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