जदयू प्रखंड अध्यक्ष हत्या मामला: 24 घंटे बीतने के बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर

अशोक यादव (फ़ाइल फोटो)
मधेपुरा जिले के गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय के चिकनी पंचायत स्थित जोगबनी गांव में मंगलवार की रात्रि अपराधियों द्वारा जदयू प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार यादव उर्फ़ गरजू यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 

मगर मधेपुरा पुलिस प्रशासन अपराधी को पकड़ने में विफल साबित हो रही है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भरा हुआ है. बहरहाल जदयू प्रखंड अध्यक्ष अशोक यादव अच्छे एवं समाजसेवी लोग थे. दो बार जदयू के प्रखंड अध्यक्ष रह चुके हैं और एक बार पंचायत समिति सदस्य भी रह चुके हैं. 

हालांकि मंगलवार की देर रात्रि लाश का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया था मगर परिजनों की मांग थी कि अपराधी पुलिस के गिरफ्त में हो, मगर पुलिस गिरफ्तारी से कोसों दूर नजर आ रही है. हालांकि पुलिस के आला अधिकारी जोगबनी गांव पहुंचकर कैंप कर उनके घर पर मृतक के दाह संस्कार में लगे  हुए थे. 

जिला अध्यक्ष विजेंद्र यादव के द्वारा कई बार फोन कर के सीएमओ में इस बात की जानकारी दी गई कि जदयू के प्रखंड अध्यक्ष की मौत अपराधियों के गोली से हो गई है. ग्रामीणों का आक्रोश इस बात से है कि वे चाहते थे कि परिजनों से एक बार सीएम साहब की बात हो जाए मगर सुबह 5:00 बजे से संध्या के 3:00 बजे तक सीएम साहब को बात करने की फुर्सत तक नहीं हुई. हालांकि ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष या फिर सांसद, विधायक, मंत्री, पार्टी के कोई लोग फोन तक करना मुनासिब नहीं समझा. 

ग्रामीणों कीमांग थी कि परिजनों को मुआवजा के तौर पर एक करोड़ रुपए एवं एक सरकारी नौकरी का ऐलान मुख्यमंत्री के द्वारा किया जाए. हालांकि जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला जदयू प्रखंड अध्यक्ष के घर पर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात किए तो वहां मौजूद ग्रामीणों एवं परिजनों ने मुआवजे एवं गिरफ्तारी की मांग की. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी जल्द से जल्द किया जाएगा मगर मुआवजा व नौकरी हमारे कार्य क्षेत्र में नहीं आता है हालांकि एसपी संजय कुमार ने यह बताया कि दूसरे जिला में भी अपराधियों की धरपकड़ के लिए जगह जगह छापामारी किया जा रहा है मगर इस बात से परिजन व ग्रामीण असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. 

वहीं राजद के विधायक व पूर्व मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की एवं सान्तावना दिए. प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह की घटना से लोगों में काफी डर बना हुआ है. पुलिस प्रशासन काफी विफल नजर आ रही है. पूर्व में 1992 ईस्वी में मधेपुरा जिला में राजद के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा उनके परिजनों को मुआवजा एवं एक सरकारी नौकरी दी गई थी. वहीं प्रखंड प्रमुख शशि कुमार ने प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पार्टी सत्ताधारी दल के नेता सुरक्षित नहीं है तो आम जनता कैसे सुरक्षित है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गम्हरिया पुलिस अपराधी को पकड़ने में विफल नजर आ रही है. 

वहीं राजद के प्रदेश युवा महासचिव डॉ रवि शंकर उर्फ पिंटू यादव ने कहा कि परिजनों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, उनके घर में एक लड़की की शादी करने के लिए सीएम के द्वारा आर्थिक मदद का ऐलान किया जाए. हालांकि बगल के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली या अन्य राज्यों में मुख्यमंत्री के द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं के किसी भी तरह की घटना होने पर उनको कई तरह के मुआवजा राशि दिया जाता है.
जदयू प्रखंड अध्यक्ष हत्या मामला: 24 घंटे बीतने के बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर जदयू प्रखंड अध्यक्ष हत्या मामला: 24 घंटे बीतने के बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 12, 2020 Rating: 5

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