मधेपुरा शहर में एक के बाद एक बढ़ते कोरोना रोगी की संख्या से शहर वासियों में दहशत का माहौल बन गया है.
पर शहर के विभिन्न इलाकों में रोगी मिलने के बाद उस क्षेत्र को सील करने का जिला प्रशासन का फरमान महज औपचारिकता रह गई है. जहां तैनात पुलिस पदाधिकारी, दंडाधिकारी और चौकीदार तक नजर नहीं आते हैं, न ही उस इलाके को सेनिटाइज किया जा रहा है और न ही इलाके में आवाजाही पर रोक लगायी जा रही है. ऐसे में कोरोना संक्रमण पर ब्रेक संभव नहीं लगता है. प्रशासन के इस रवैये से शहर वासियों में भारी दहशत है.
शहर के मेन रोड में एक दुकानदार कोरोना के चपेट में आने से व्यवसायियों में भारी दहशत है. प्रशासन ने दुकानदार के दुकान को सील कर दिया है. मजेदार बात यह रही कि दुकान से सटे दूसरे दुकानदार दुकान खोलकर दुकान चला रहे हैं. इतना ही नहीं आसपास की तमाम दुकान खुली है, ग्राहक की आवाजाही जारी है. इतना ही नहीं ग्राहक बिना मास्क और बिना दूरी बनाये समान खरीदने में जुटे रहे. इस इलाके में न पुलिस का पहरा है न प्रशासन के लोग तैनात हैं, जबकि दुकानदार के अनुरोध के बावजूद भी ग्राहक न मास्क और न सामाजिक दूरी पर अमल कर रहे हैं.
सरकार द्वारा मास्क लगाने को अनिवार्य घोषित होने के बावजूद जिला व पुलिस प्रशासन उक्त आदेश को असली जामा पहनाने में लापरवाह है. जबकि पुलिस बिना हेल्मेट वाले बाइक चालक के खिलाफ पिछले चार माह से विशेष अभियान चला कर लाखों रूपये की वसूली कर चुकी है और आज तक कर रही है. अगर हेल्मेट चेक करने की जगह सरकार के उस आदेश का पुलिस ने पालन कराया होता, जिसमें मास्क को अनिवार्य किया गया है तो आज के तारीख में कमोबेश हर व्यक्ति के मुंह पर मास्क होता जो कोरोना से बचाव के लिए मील का पत्थर साबित होता.
मंगलवार को प्रशासन ने बिना मास्क पहने लोगों की धरपकड़ और जुर्माना की बात कही लेकिन प्रशासन का दावा सरजमीन पर कितना दिखेगा ये आने वाले कल में दिखेगा लेकिन इतना जरूर है कि आने वाला कल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.

पर शहर के विभिन्न इलाकों में रोगी मिलने के बाद उस क्षेत्र को सील करने का जिला प्रशासन का फरमान महज औपचारिकता रह गई है. जहां तैनात पुलिस पदाधिकारी, दंडाधिकारी और चौकीदार तक नजर नहीं आते हैं, न ही उस इलाके को सेनिटाइज किया जा रहा है और न ही इलाके में आवाजाही पर रोक लगायी जा रही है. ऐसे में कोरोना संक्रमण पर ब्रेक संभव नहीं लगता है. प्रशासन के इस रवैये से शहर वासियों में भारी दहशत है.
शहर के मेन रोड में एक दुकानदार कोरोना के चपेट में आने से व्यवसायियों में भारी दहशत है. प्रशासन ने दुकानदार के दुकान को सील कर दिया है. मजेदार बात यह रही कि दुकान से सटे दूसरे दुकानदार दुकान खोलकर दुकान चला रहे हैं. इतना ही नहीं आसपास की तमाम दुकान खुली है, ग्राहक की आवाजाही जारी है. इतना ही नहीं ग्राहक बिना मास्क और बिना दूरी बनाये समान खरीदने में जुटे रहे. इस इलाके में न पुलिस का पहरा है न प्रशासन के लोग तैनात हैं, जबकि दुकानदार के अनुरोध के बावजूद भी ग्राहक न मास्क और न सामाजिक दूरी पर अमल कर रहे हैं.
सरकार द्वारा मास्क लगाने को अनिवार्य घोषित होने के बावजूद जिला व पुलिस प्रशासन उक्त आदेश को असली जामा पहनाने में लापरवाह है. जबकि पुलिस बिना हेल्मेट वाले बाइक चालक के खिलाफ पिछले चार माह से विशेष अभियान चला कर लाखों रूपये की वसूली कर चुकी है और आज तक कर रही है. अगर हेल्मेट चेक करने की जगह सरकार के उस आदेश का पुलिस ने पालन कराया होता, जिसमें मास्क को अनिवार्य किया गया है तो आज के तारीख में कमोबेश हर व्यक्ति के मुंह पर मास्क होता जो कोरोना से बचाव के लिए मील का पत्थर साबित होता.
मंगलवार को प्रशासन ने बिना मास्क पहने लोगों की धरपकड़ और जुर्माना की बात कही लेकिन प्रशासन का दावा सरजमीन पर कितना दिखेगा ये आने वाले कल में दिखेगा लेकिन इतना जरूर है कि आने वाला कल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.

सरकार के द्वारा मास्क पहनने की अनिवार्यता की उड़ रही धज्जियाँ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 08, 2020
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July 08, 2020
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