मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड क्षेत्र के आठ पंचायतों में पानी का विकराल रूप अख्तियार कर लेने से लोगों में भारी दहशत व्याप्त है. प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांव का जहां सड़क से संपर्क भंग हो गया है साथ ही हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूबने से बर्बादी हो गई है.
प्रखंड के रतवारा, खापुर, गंगापुर, बड़गाँव, इटहरी, कुंजोड़ी, आलमनगर दक्षिणी, आलमनगर पूर्वी पंचायत में बाढ़ का पानी फैल गया है. वहीं रतवारा पंचायत के मुरोत के शिव मंदिर टोला के लगभग र्दजनों घरों सहित छतौना वासा के र्दजनों घरों में पानी आ जाने से अपने सामान के साथ उँचें जगहों पर शरण लेने के लिए पोलिथीन का तंबु गाड़ रहें हैं. वही बाढ़ के कारण लोगों को भारी समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है. दर्जनों गांव के घरों के चारों ओर पानी आ जाने से लोग परेशान हैं.
ज्ञात हो कि पिछले चार दिनों से कोसी बैराज से लगातार अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पानी का दबाव आलमनगर प्रखंड के दक्षिणी हिस्से में विकराल रूप अख्तियार कर लिया है. इस वजह से लोग सकते में हैं. खासकर धान लगाने वाले किसान के समक्ष भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. इस बावत किसानों का कहना है कि अभी धान की रोपाई समाप्त कर पाया हूं कि पानी धान के खेतों में आ गई है एवं धान डूब गया है जिससे अब धान की उम्मीद खत्म होने लगी है.
वहीं मुरोत में हुए कटाव से विस्थापित परिवार जो शिव मंदिर टोला में आकर बस गए हैं उन परिवारों के घरों में पानी आ जाने से उनके समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. लोग अपने सामान को ऊंचे जगहों पर ले जाते देखे गए. शिव मंदिर टोला के शंकर देव, दाहो मल्लिक, सुभाष सिंह, जामुन ऋषिदेव, हीरो शर्मा, विनीत सिंह, दिनेश सिंह, नरेश सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि पानी की रफ्तार ज्यादा बढ़ गई है एवं पानी हम लोगों के आंगन एवं घरों में प्रवेश कर गया है, जिससे भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. खासकर पशुओं के चारा का संकट इस क्षेत्र में गहरा गया है. लोग पशुओं के चारे के लिए नाव का सहारा लेकर अपनी जान जोखिम में डालकर घास लाकर किसी तरह अपनी मवेशी की रक्षा करने में लगे हुए हैं. वहीं कई पशुपालक अपने पशुओं को लेकर जाते देखे जा रहे हैं.
शिव मंदिर टोला के सुभाष सिंह ने बताया कि आवागमन के लिए अब नाव ही हम लोगों का सहारा बना है. खासकर मुरोत गांव से जो कटाव से बच गए हैं एवं कटाव से विस्थापित परिवार जो भरही धार से दक्षिण में शिव मंदिर टोला के पास बसे हुए हैं उनके बच्चों को विद्यालय जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि भरही धार में 2008 में आई बाढ़ के कारण पुल बह जाने के कारण अभी तक पुल का निर्माण नहीं होने से अपनी जरुरत के सामान के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.
इस बावत अंचलाधिकारी आलमनगर मनोरंजन कुमार मधुकर ने बताया कि बाढ़ पर पैनी नजर प्रशासन की है. ऊँचे जगह को चिन्हित कर लिया गया है. फिलहाल लोगों के आवागमन हेतु 33 नाव का परिचालन किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
प्रखंड के रतवारा, खापुर, गंगापुर, बड़गाँव, इटहरी, कुंजोड़ी, आलमनगर दक्षिणी, आलमनगर पूर्वी पंचायत में बाढ़ का पानी फैल गया है. वहीं रतवारा पंचायत के मुरोत के शिव मंदिर टोला के लगभग र्दजनों घरों सहित छतौना वासा के र्दजनों घरों में पानी आ जाने से अपने सामान के साथ उँचें जगहों पर शरण लेने के लिए पोलिथीन का तंबु गाड़ रहें हैं. वही बाढ़ के कारण लोगों को भारी समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है. दर्जनों गांव के घरों के चारों ओर पानी आ जाने से लोग परेशान हैं.
ज्ञात हो कि पिछले चार दिनों से कोसी बैराज से लगातार अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पानी का दबाव आलमनगर प्रखंड के दक्षिणी हिस्से में विकराल रूप अख्तियार कर लिया है. इस वजह से लोग सकते में हैं. खासकर धान लगाने वाले किसान के समक्ष भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. इस बावत किसानों का कहना है कि अभी धान की रोपाई समाप्त कर पाया हूं कि पानी धान के खेतों में आ गई है एवं धान डूब गया है जिससे अब धान की उम्मीद खत्म होने लगी है.
वहीं मुरोत में हुए कटाव से विस्थापित परिवार जो शिव मंदिर टोला में आकर बस गए हैं उन परिवारों के घरों में पानी आ जाने से उनके समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. लोग अपने सामान को ऊंचे जगहों पर ले जाते देखे गए. शिव मंदिर टोला के शंकर देव, दाहो मल्लिक, सुभाष सिंह, जामुन ऋषिदेव, हीरो शर्मा, विनीत सिंह, दिनेश सिंह, नरेश सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि पानी की रफ्तार ज्यादा बढ़ गई है एवं पानी हम लोगों के आंगन एवं घरों में प्रवेश कर गया है, जिससे भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. खासकर पशुओं के चारा का संकट इस क्षेत्र में गहरा गया है. लोग पशुओं के चारे के लिए नाव का सहारा लेकर अपनी जान जोखिम में डालकर घास लाकर किसी तरह अपनी मवेशी की रक्षा करने में लगे हुए हैं. वहीं कई पशुपालक अपने पशुओं को लेकर जाते देखे जा रहे हैं.
शिव मंदिर टोला के सुभाष सिंह ने बताया कि आवागमन के लिए अब नाव ही हम लोगों का सहारा बना है. खासकर मुरोत गांव से जो कटाव से बच गए हैं एवं कटाव से विस्थापित परिवार जो भरही धार से दक्षिण में शिव मंदिर टोला के पास बसे हुए हैं उनके बच्चों को विद्यालय जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि भरही धार में 2008 में आई बाढ़ के कारण पुल बह जाने के कारण अभी तक पुल का निर्माण नहीं होने से अपनी जरुरत के सामान के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.
इस बावत अंचलाधिकारी आलमनगर मनोरंजन कुमार मधुकर ने बताया कि बाढ़ पर पैनी नजर प्रशासन की है. ऊँचे जगह को चिन्हित कर लिया गया है. फिलहाल लोगों के आवागमन हेतु 33 नाव का परिचालन किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
मधेपुरा जिले के आलमनगर के आठ पंचायत में बाढ़ से तबाही शुरू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 14, 2020
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