सिंहेश्वर मंदिर के श्रद्धालुओं को पूजा के लिए इन्तजार करना पड़ सकता है और दो दिन

मधेपुरा जिले के प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर को खोलने की कवायद पिछले चार-पांच दिनों से चल रही है । मंदिर खुलने की हनक के बाद आनन-फानन में न्यास समिति की एक औपचारिक बैठक न्यास कार्यालय में हुई । 

बैठक में बिहार सरकार के निर्देश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए मंदिर में शिवलिंग से गर्भ गृह के द्वार तक अरघा लगाने का निर्णय हुआ था । लेकिन अरघा बनाने में समय लगेगा इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तत्काल पार्वती मंदिर का अरघा को शिव मंदिर मे लगाने की व्यवस्था की जा रही है । जिसके लिए श्रद्धालुओं को दो दिन और इंतजार करना पड़ सकता है । वहीँ शनिवार की संध्या में सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सचिव सह एसडीओ वृंदा लाल ने समय पर अरघा नही बनने के बाद मंदिर पहुंचकर समीक्षा की और रविवार को सुबह फिर मंदिर पहुंचकर कुशल कारीगरों से बात कर अरघा की व्यवस्था की । 

इस बाबत एसडीओ श्री लाल ने बताया कि धार्मिक न्यास का 30 मई का मंदिर खोलने का निर्देश आया है । लेकिन आज शाम तक पूर्ण निर्देश आने के बाद ही नया निर्देश बता सकता हूं । वही उन्होंने बताया कि 10 जून को गौरी मंदिर का शिलान्यास होगा जिसका निर्माण जन सहयोग से ही होगा । इसमें जिन भक्तों को सहयोग करना हो वह निर्माण सामग्री से सहयोग कर सकते हैं । 

वहीँ बिहार राज्य धार्मिक बोर्ड पटना ने मठ और मंदिर खोलने के लिए गाईड लाईन भेजा है । इस बाबत धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन ने पत्र जारी कर भारत सरकार द्वारा जारी आदेश तथा बिहार सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेश के आलोक में बिहार राज्य में स्थित सभी धार्मिक मंदिर, ठाकुरबारी, कंटेंटमेंट जोन जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित क्षेत्र को छोड़कर करोना महामारी से बचाव हेतु पूरा प्रबंध कर ही खोलने की अनुमति दी गई है । जिसमें 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मंदिर में नही आने की सलाह दी गई है । वहीं मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओ को नाक व मुंह पर मास्क, गमछा या रुमाल से ढकना अनिवार्य होगा । मंदिर के प्रबंधक की जवाबदेही होगी कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से कराएंगे । मंदिर न्यास समिति मंदिर खोलने के पूर्व भक्तों व दर्शनार्थियों के हाथ को सेनिटाइजर से या साबुन से हाथ धुलवाने की पूर्ण व्यवस्था करना होगा । मंदिर व मंदिर प्रांगण में किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन या अनुष्ठान पर अग्रिम आदेश तक रोक जारी रहेगी । ऐसे आयोजन पूर्ण रुप से प्रतिबंधित हैं । मंदिर प्रांगण में केवल दर्शन की अनुमति दी गई है । दर्शन आरती या भक्तों का एक साथ बैठक पूजा पाठ करने पर रोक रहेगी । यानी मंदिर में श्रद्धालु एक साथ बैठ कर भजन कीर्तन नहीं कर सकेंगे । 

साथ ही मंदिर प्रशासन को यह अधिकार होगा कि भीड़ को नियंत्रण करने के लिए विशेष तिथियों व त्योहारों जैसे सावन, भादो आदि पर आवश्यक कदम उठा सकती है । मंदिर परिसर में किसी प्रकार के पान गुटखा तंबाकू शराब का प्रयोग एवं बिक्री पूर्णत: निषेध होगा । सभी शर्तों को कठोरता से पालन करना अनिवार्य होगा. इसका उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
सिंहेश्वर मंदिर के श्रद्धालुओं को पूजा के लिए इन्तजार करना पड़ सकता है और दो दिन सिंहेश्वर मंदिर के श्रद्धालुओं को पूजा के लिए इन्तजार करना पड़ सकता है और दो दिन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 07, 2020 Rating: 5

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