मधेपुरा के शंकरपुर में कोरोना संकट लोगों के जीवन के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा पर भी ग्रहण लग रहा है. प्रखंड क्षेत्र के 84 विद्यालय फरवरी महीने से ही बंद हैं.
पहले शिक्षकों की 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल और विभिन्न परीक्षा को लेकर स्कूल बंद रहे तो 14 मार्च से कोरोना से बचाव के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया. कोरोना संकट से उबरने के बाद अगर स्कूल खुल भी गए तो शिक्षकों की फिलहाल स्थगित की गई हड़ताल दोबारा शुरू हो जाएगी. इससे शिक्षा व्यवस्था पर फिर से हड़ताल का ग्रहण लग जाएगा.
ऐसे में वर्ग 1 से 8 तक के कुल 19 हजार 513 बच्चों की शिक्षा पूरी तरह चौपट हो रही है. हालांकि सरकार के आदेश पर इन कक्षाओं के बच्चों को पास तो कर दिया गया है लेकिन बच्चों की मेरिट जांच नहीं हो सकी. इस बावत कलानंद यादव, हरिनंदन यादव, जय कृष्ण यादव, पवन कुमार, संतोष कुमार, राजीव रंजन, शंकर सरदार, बिरेंद्र शर्मा, शशिभूषण यादव, किशोर यादव, राहुल कुमार, अमित कुमार, मोहम्मद शेरूद्धीन, नूरचून सहित सैकड़ों अभिभावकों का कहना है कि काफी दिनों से बच्चों का पठन-पाठन बंद होने से अब बच्चे पिछली पढ़ाई भी भूल रहे हैं. लॉकडाउन के कारण होम ट्यूशन भी बंद हो चुका है.
वहीं अभिभावकों का कहना है कि वर्ग 5 के बाद बच्चों की पढ़ाई में परिवर्तन आता है. जब बच्चे नींव ही भूल जाएंगे तो आगे की कक्षा में उनका बेहतर प्रदर्शन करना नामुमकिन हो जाएगा.
पहले शिक्षकों की 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल और विभिन्न परीक्षा को लेकर स्कूल बंद रहे तो 14 मार्च से कोरोना से बचाव के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया. कोरोना संकट से उबरने के बाद अगर स्कूल खुल भी गए तो शिक्षकों की फिलहाल स्थगित की गई हड़ताल दोबारा शुरू हो जाएगी. इससे शिक्षा व्यवस्था पर फिर से हड़ताल का ग्रहण लग जाएगा.
ऐसे में वर्ग 1 से 8 तक के कुल 19 हजार 513 बच्चों की शिक्षा पूरी तरह चौपट हो रही है. हालांकि सरकार के आदेश पर इन कक्षाओं के बच्चों को पास तो कर दिया गया है लेकिन बच्चों की मेरिट जांच नहीं हो सकी. इस बावत कलानंद यादव, हरिनंदन यादव, जय कृष्ण यादव, पवन कुमार, संतोष कुमार, राजीव रंजन, शंकर सरदार, बिरेंद्र शर्मा, शशिभूषण यादव, किशोर यादव, राहुल कुमार, अमित कुमार, मोहम्मद शेरूद्धीन, नूरचून सहित सैकड़ों अभिभावकों का कहना है कि काफी दिनों से बच्चों का पठन-पाठन बंद होने से अब बच्चे पिछली पढ़ाई भी भूल रहे हैं. लॉकडाउन के कारण होम ट्यूशन भी बंद हो चुका है.
वहीं अभिभावकों का कहना है कि वर्ग 5 के बाद बच्चों की पढ़ाई में परिवर्तन आता है. जब बच्चे नींव ही भूल जाएंगे तो आगे की कक्षा में उनका बेहतर प्रदर्शन करना नामुमकिन हो जाएगा.
कोरोना संकट के बीच स्कूलों के बच्चों की शिक्षा पर भी ग्रहण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 06, 2020
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