मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड मुख्यालय के सभागार में राशन वितरण को लेकर एसडीओ वृंदा लाल की अध्यक्षता में मुखिया और अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें मुखिया ने राशन कार्ड धारियों की समस्या को जोरदार तरीके से उठाया.
मुखिया ने एक सुर से राशन वितरण में मुखिया की अनदेखी का आरोप लगाया तथा मुखिया संघ के संरक्षक मुखिया भवानीपुर प्रमोद कुमार मिश्र ने सीधा आरोप लगाया कि बीडीओ को छोड़कर उसके अधीनस्थ सभी अधिकारी मुखिया का सम्मान भी नहीं करते हैं. राशन वितरण में ही किसी तरह का राय विचार एम.ओ. के द्वारा नहीं लिया जाता है. वहीं डीलरों द्वारा मनमानी की शिकायतों को नजर अंदाज कर दिया जाता है. एम.ओ. साहब तो फोन भी नही उठाते हैं.
बैठक में एसडीओ श्री लाल ने बैठक का संचालन करते हुए सीधे मुख्य मुद्दा पर आते हुए कहा कि 28 मार्च से 14 अप्रैल तक हमलोगों के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील समय था. जब बाहर से हमारे भाई और बन्धु जो मजदूरी करने बाहर गए थे और वापस लौट रहे थे. इस कोरोना वाइरस का वाहक आदमी ही है. जो व्यक्ति बाहर से संक्रमित होकर लौटा है उसका समुचित इलाज और 14 दिन का कोरेंटाइन बहुत महत्वपूर्ण था. सिजनल बीमारी और कोरोना में ज्यादा फर्क नहीं होने से लोग गलतफहमी के शिकार भी हो रहे थे. इसलिए बाहर से आने वाले हर शख्स को कोरेंटाइन में रखना हम लोगों की जरूरत थी. अगर वह संक्रमित हुआ और बिना कोरेंटाइन के परिवार से मिला तो पूरा परिवार को संक्रमित कर सकता था और फिर इसे पुरे समुदाय में फैलने में देर नहीं लगेगी. कुछ इसी तरह के लोगों के कारण लॉकडाउन का समय मजबूरी में बढ़ाना पड़ा.
वहीं उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो. गरीबों के लिए सरकारी स्किम के तहत कई सुविधा मुहैया कराई गई है. आपदा के इस घड़ी में मुखिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है तथा लॉकडाउन में बाहर से आने वाले पर कड़ी निगाह रखे. साथ ही राशन वितरण में हर पंचायत में प्रत्येक डीलर के पास एक कर्मी को प्रतिनियुक्त किया गया है.
प्रत्येक दिन 25 से 30 व्यक्ति को राशन के लिए टोकन दिया जायेगा. इस काम में लापरवाही करने वाले कर्मचारी पर आपदा के तहत कार्रवाई की जाएगी. गाँव घर में ऐसे लोगों को भी चिन्हित करना मुखिया जी का दायित्व है कि किसके घर में राशन के अभाव में चुल्हा नहीं जल रहा है. आज मानवता दिखाने का समय है. वहीं गाँव घर में लगने वाले हाट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के संदर्भ में उन्होंने सीओ को कहा कि ग्रामीण हाट पर नजर रखें, चाय पान और गैर जरुरी दुकान खोलने पर दुकानदार पर कार्रवाई करें. सब्जी के खरीद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, प्रतिबंधित दुकान बंद रहे. पीएचएस और अंत्योदय मे जो राशन है वह मिलेगा ही साथ ही हर युनिट 5 किलो फ्री दिया गया है. जिसके लिए पोश मशीन की अनिवार्यता खत्म कर दिया गया है. छूटे हुए या 2015 से 2020 तक जितने राशन कार्ड रद्द हुए हैं उसमें अधिकतम को पुनः चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं जिसके खाता में पैसा नही आया है वह अपना आधार कार्ड डीलर के पास जमा करवा दें ताकि उसे खाता से लिंक किया जा सके.
मुखिया ने एक सुर से राशन वितरण में मुखिया की अनदेखी का आरोप लगाया तथा मुखिया संघ के संरक्षक मुखिया भवानीपुर प्रमोद कुमार मिश्र ने सीधा आरोप लगाया कि बीडीओ को छोड़कर उसके अधीनस्थ सभी अधिकारी मुखिया का सम्मान भी नहीं करते हैं. राशन वितरण में ही किसी तरह का राय विचार एम.ओ. के द्वारा नहीं लिया जाता है. वहीं डीलरों द्वारा मनमानी की शिकायतों को नजर अंदाज कर दिया जाता है. एम.ओ. साहब तो फोन भी नही उठाते हैं.
बैठक में एसडीओ श्री लाल ने बैठक का संचालन करते हुए सीधे मुख्य मुद्दा पर आते हुए कहा कि 28 मार्च से 14 अप्रैल तक हमलोगों के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील समय था. जब बाहर से हमारे भाई और बन्धु जो मजदूरी करने बाहर गए थे और वापस लौट रहे थे. इस कोरोना वाइरस का वाहक आदमी ही है. जो व्यक्ति बाहर से संक्रमित होकर लौटा है उसका समुचित इलाज और 14 दिन का कोरेंटाइन बहुत महत्वपूर्ण था. सिजनल बीमारी और कोरोना में ज्यादा फर्क नहीं होने से लोग गलतफहमी के शिकार भी हो रहे थे. इसलिए बाहर से आने वाले हर शख्स को कोरेंटाइन में रखना हम लोगों की जरूरत थी. अगर वह संक्रमित हुआ और बिना कोरेंटाइन के परिवार से मिला तो पूरा परिवार को संक्रमित कर सकता था और फिर इसे पुरे समुदाय में फैलने में देर नहीं लगेगी. कुछ इसी तरह के लोगों के कारण लॉकडाउन का समय मजबूरी में बढ़ाना पड़ा.
वहीं उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो. गरीबों के लिए सरकारी स्किम के तहत कई सुविधा मुहैया कराई गई है. आपदा के इस घड़ी में मुखिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है तथा लॉकडाउन में बाहर से आने वाले पर कड़ी निगाह रखे. साथ ही राशन वितरण में हर पंचायत में प्रत्येक डीलर के पास एक कर्मी को प्रतिनियुक्त किया गया है.
प्रत्येक दिन 25 से 30 व्यक्ति को राशन के लिए टोकन दिया जायेगा. इस काम में लापरवाही करने वाले कर्मचारी पर आपदा के तहत कार्रवाई की जाएगी. गाँव घर में ऐसे लोगों को भी चिन्हित करना मुखिया जी का दायित्व है कि किसके घर में राशन के अभाव में चुल्हा नहीं जल रहा है. आज मानवता दिखाने का समय है. वहीं गाँव घर में लगने वाले हाट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के संदर्भ में उन्होंने सीओ को कहा कि ग्रामीण हाट पर नजर रखें, चाय पान और गैर जरुरी दुकान खोलने पर दुकानदार पर कार्रवाई करें. सब्जी के खरीद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, प्रतिबंधित दुकान बंद रहे. पीएचएस और अंत्योदय मे जो राशन है वह मिलेगा ही साथ ही हर युनिट 5 किलो फ्री दिया गया है. जिसके लिए पोश मशीन की अनिवार्यता खत्म कर दिया गया है. छूटे हुए या 2015 से 2020 तक जितने राशन कार्ड रद्द हुए हैं उसमें अधिकतम को पुनः चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं जिसके खाता में पैसा नही आया है वह अपना आधार कार्ड डीलर के पास जमा करवा दें ताकि उसे खाता से लिंक किया जा सके.
मुखिया ने लगाया डीलर और एम.ओ. पर अनदेखी का आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 14, 2020
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