मधेपुरा जिला मुख्यालय अंतर्गत राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास में कांशी राम साहब की 86वीं जयंती मनाई गई.
छात्रावास अधीक्षक सह बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय के सीनेट एवं सिंडीकेट सदस्य डॉक्टर जवाहर पासवान एवं परिजनों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया.
मौके पर डॉक्टर पासवान ने कहा कि आज भी देश में एक अदद कांशी राम साहब की जरूरत है. वे जीवन पर्यंत बहुजन समाज के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ते रहे. मनुवाद के खिलाफ में 6 दिसंबर 1978 को बामसेफ नामक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का संगठन बनाकर देश में नव चेतना लाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि आज के कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक इस देश में फैल रहे मनुवादी, जातिवादी, पूंजीवादी एवं सामंतवाद वयवस्था चरम सीमा पर है, जिसे खत्म कर समता मूलक राष्ट्र का निर्माण करना जरूरी है तभी कांशी राम साहब का जयंती मनाना सार्थक सिद्ध होगा.
प्रोफेसर अंजनी पासवान ने कांशी राम साहब के जयंती के अवसर पर अपनी बातों को रखते हुए कहा कि आज हम जहां खड़े हैं उनके लिए हमारे हजारों पुरखे लड़े हैं. उन्हीं के कब्र पर आज हम बहुजनों का बुलंद इमारत खड़ा है. आज इन बातों को समझने की जरूरत है अन्यथा पुनः हम लोग पांच हजार साल पहले वाली अमानवीय व्यवस्था का शिकार हो जाएंगे.
बामसेफ के पूर्व जिला अध्यक्ष सुभाष पासवान ने कहा कि मान्यवर कांशी राम साहब के बनाए गए बामसेफ संगठन आज राष्ट्रव्यापी संगठन बनकर अपने समाज को जागृत कर मनुवाद को खत्म कर समता स्वतंत्रता बंधुओं एवं न्याय पर आधारित राष्ट्र का निर्माण करना चाहती है. उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर का सपना था इस देश में सबों को प्रतिनिधित्व मिले. उनके लिखे संविधान से पता चलता है कि वह किसी जाति धर्म संप्रदाय को बढ़ावा नहीं देते थे. आज जरूरत है बाबा साहब के संविधान को अक्षरसः लागू करने का.
अंतर्राष्ट्रीय भीम सेना के राष्ट्रीय महासचिव प्राणेश प्रशांत ने कहा कि आज जरूरत है देश के युवाओं को अपने पुरखे के विचारधाराओं को मान्यवर कांशी राम की तरह गली एवं मोहल्लों तक पहुंचाया जाए. यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. छात्र नायक राज हंस राज उर्फ मुन्ने पासवान ने कहा कि इस देश का शासक बाबा साहब और मान्यवर कांशी राम के सपनों को ध्वस्त कर मनुवादी व्यवस्था लागू करना चाहती है. हम लोग कभी ऐसा नहीं होने देंगे. शिक्षक जयप्रकाश यादव ने कहा कि हम लोगों को मिलकर कांशी राम साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मौके पर शुभम रंजन, सत्यम रंजन,ओम रंजन, संतोष इत्यादि मौजूद थे.
छात्रावास अधीक्षक सह बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय के सीनेट एवं सिंडीकेट सदस्य डॉक्टर जवाहर पासवान एवं परिजनों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया.
मौके पर डॉक्टर पासवान ने कहा कि आज भी देश में एक अदद कांशी राम साहब की जरूरत है. वे जीवन पर्यंत बहुजन समाज के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ते रहे. मनुवाद के खिलाफ में 6 दिसंबर 1978 को बामसेफ नामक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का संगठन बनाकर देश में नव चेतना लाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि आज के कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक इस देश में फैल रहे मनुवादी, जातिवादी, पूंजीवादी एवं सामंतवाद वयवस्था चरम सीमा पर है, जिसे खत्म कर समता मूलक राष्ट्र का निर्माण करना जरूरी है तभी कांशी राम साहब का जयंती मनाना सार्थक सिद्ध होगा.
प्रोफेसर अंजनी पासवान ने कांशी राम साहब के जयंती के अवसर पर अपनी बातों को रखते हुए कहा कि आज हम जहां खड़े हैं उनके लिए हमारे हजारों पुरखे लड़े हैं. उन्हीं के कब्र पर आज हम बहुजनों का बुलंद इमारत खड़ा है. आज इन बातों को समझने की जरूरत है अन्यथा पुनः हम लोग पांच हजार साल पहले वाली अमानवीय व्यवस्था का शिकार हो जाएंगे.
बामसेफ के पूर्व जिला अध्यक्ष सुभाष पासवान ने कहा कि मान्यवर कांशी राम साहब के बनाए गए बामसेफ संगठन आज राष्ट्रव्यापी संगठन बनकर अपने समाज को जागृत कर मनुवाद को खत्म कर समता स्वतंत्रता बंधुओं एवं न्याय पर आधारित राष्ट्र का निर्माण करना चाहती है. उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर का सपना था इस देश में सबों को प्रतिनिधित्व मिले. उनके लिखे संविधान से पता चलता है कि वह किसी जाति धर्म संप्रदाय को बढ़ावा नहीं देते थे. आज जरूरत है बाबा साहब के संविधान को अक्षरसः लागू करने का.
अंतर्राष्ट्रीय भीम सेना के राष्ट्रीय महासचिव प्राणेश प्रशांत ने कहा कि आज जरूरत है देश के युवाओं को अपने पुरखे के विचारधाराओं को मान्यवर कांशी राम की तरह गली एवं मोहल्लों तक पहुंचाया जाए. यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. छात्र नायक राज हंस राज उर्फ मुन्ने पासवान ने कहा कि इस देश का शासक बाबा साहब और मान्यवर कांशी राम के सपनों को ध्वस्त कर मनुवादी व्यवस्था लागू करना चाहती है. हम लोग कभी ऐसा नहीं होने देंगे. शिक्षक जयप्रकाश यादव ने कहा कि हम लोगों को मिलकर कांशी राम साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मौके पर शुभम रंजन, सत्यम रंजन,ओम रंजन, संतोष इत्यादि मौजूद थे.
'संविधान एवं लोकतंत्र को सुरक्षित रखने में कांशी राम साहब की थी अहम भूमिका': डॉ. जवाहर पासवान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 15, 2020
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