5 वर्षीय बालक की गला दबाकर की गई हत्या के मामले में आज मधेपुरा की एक अदालत में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. साथ ही कोर्ट ने इस नृशंस हत्याकांड के लिए अभियुक्त को ₹20000 का अर्थदंड भी लगाया है.
मामला सदर थाना के मोहनपुर गांव की है जहाँ गुरु प्रसाद के घर 4 मई 2007 को शिव चर्चा का आयोजन किया गया था जिसमें गांव के बबलू कुमार आयोजन के लिए पहुंचे लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे थे. शिव चर्चा समापन के बाद सभी लोग खाना खाकर चले गए. घर जाने के लिए तैयार होकर बबलू अपने 5 वर्षीय पुत्र चंद्रमोहन की खोज करने लगे. काफी खोज करने पर भी पता नहीं चला. उधर चंद्रमोहन की मां ने कहा कि वह 6:00 बजे शाम में मेरे पास आया था और वह बाल बंधवा कर शिव चर्चा में चला गया था लेकिन वहां से लौटने के बाद का लापता हो गया. घटना की जानकारी दूसरे दिन सदर थाना को दी गई घटना के तीसरे दिन 6 मई 2007 को ग्रामीणों ने गांव से शहर में एक शव होने की जानकारी बबलू को दी और पुलिस को भी जानकारी दी गई. इस संबंध में तत्कालीन थानाध्यक्ष रामसहाय बच्चे का शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
पुलिस ने बताया कि बच्चे की मौत गला दबाकर की गई है और मौत का कारण भूमि विवाद है. मामले में सुभाष कुमार को आरोपी बनाया गया.
मामले की सुनवाई करते हुए मधेपुरा के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय प्रकाश तिवारी ने आरोपी सुभाष कुमार दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुना दी और ₹20000 का भी लगाया है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhrZ27KqtjzHDehyphenhyphenQGfX-iygKQ3AFxzXI4VSV2FLBNOYGASetcy56-1TagQx9OvJ-dwSDOcAQBTvQ2Id8d7Bvyym3eq5qJPujR357zakdrKjKYo3QIs9nbaod907CPKzqIpfT6pyX6X3wI/s640/Murari.png)
मामला सदर थाना के मोहनपुर गांव की है जहाँ गुरु प्रसाद के घर 4 मई 2007 को शिव चर्चा का आयोजन किया गया था जिसमें गांव के बबलू कुमार आयोजन के लिए पहुंचे लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे थे. शिव चर्चा समापन के बाद सभी लोग खाना खाकर चले गए. घर जाने के लिए तैयार होकर बबलू अपने 5 वर्षीय पुत्र चंद्रमोहन की खोज करने लगे. काफी खोज करने पर भी पता नहीं चला. उधर चंद्रमोहन की मां ने कहा कि वह 6:00 बजे शाम में मेरे पास आया था और वह बाल बंधवा कर शिव चर्चा में चला गया था लेकिन वहां से लौटने के बाद का लापता हो गया. घटना की जानकारी दूसरे दिन सदर थाना को दी गई घटना के तीसरे दिन 6 मई 2007 को ग्रामीणों ने गांव से शहर में एक शव होने की जानकारी बबलू को दी और पुलिस को भी जानकारी दी गई. इस संबंध में तत्कालीन थानाध्यक्ष रामसहाय बच्चे का शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
पुलिस ने बताया कि बच्चे की मौत गला दबाकर की गई है और मौत का कारण भूमि विवाद है. मामले में सुभाष कुमार को आरोपी बनाया गया.
मामले की सुनवाई करते हुए मधेपुरा के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय प्रकाश तिवारी ने आरोपी सुभाष कुमार दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुना दी और ₹20000 का भी लगाया है.
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5 वर्षीय बालक की गला दबाकर की गई हत्या में दोषी को मिली उम्रकैद की सजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 26, 2019
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