मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड के करीब एक दर्जन गाँव बाढ़ के चपेट में आ गए हैं पर प्रशासनिक दृष्टि से बाढ़ क्षेत्र प्रभावित नहीं होने की पुष्टि करते हैं।
बता दें कि चौसा प्रखंड अंतर्गत करीब एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और लोग खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हो गए हैं। एक कहावत है 'एक तो नीम ऊपर से करेला'. वही हाल अभी चौसा प्रखंड के कई पंचायत और गांव पर लागू हो रहा है. एक तो बाढ़ का पानी ऊपर से मूसलाधार बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है.उधर बाढ़ पीड़ित लोगों का कहना है कि प्रशासन के तरफ से कोई सहायता नही की जा रही है। वह कहते हैं दो चार दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी। जब कि कुछ लोग को पलायन करते देखा गया। आज भी बाढ़ का पानी बढ़ने की बात कही जा रही है. जिसे चौसा प्रखंड अंतर्गत फुलौत पश्चिमी पंचायत के घसकपुर, सपनी मुसहरी, पनदही बासा, झंडापुरबासा, बलकावा बाबा, तीयरटोला, फुलौत पूर्वी पंचायत के नवटोलिया,पिहोरा बासा, बड़ीखाल, भगत बासा, बरबिगघी, न्यू बड़ीखाल, मोरसंडा पंचायत के करेलिया मुसहरी, जपती टोला, धोनेमाने डीह श्रीपुरबासा, परवत्ता टोला, रामचरण टोला, मोरसंडा गोठ चिरौरी पंचायत के अजगैबा, तिनमुहि, चांय टोला, राम टोला, भवनपुराबासा, मुसहरी, लौआलगान आदि गांव बाढ़ से ग्रषित है। फुलौत मोरसंडा का क्षेत्र कोसी के गोद में बसा हुआ है जिस के कारण यहां के लोगों को हर वर्ष बाढ़ के पानी का मजा चखना पड़ता है कभी भीषण बाढ़ के चपेट में आ जाता है तो कभी दो हजार आठ जैसे प्रलयंकारी बाढ़ के चपेट का मजा चखना पड़ता है।
इस बाढ़ की वजह से हर वर्ष लोगों की डूब कर मौत हो गई है. जब भी इस क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश करता है तो लोगों का कलेजा दहल जाता है. क्योंकि इस क्षेत्र में जब बाढ़ का पानी प्रवेश करता है तो ना जानवर के खाने का ना तो मनुष्य के खाने पीने का और रहने का सही ठिकाना होता है. सभी बाढ़ पीड़ित खानाबदोश की जिंदगी जीते है। कुछ ऊंचे स्थानों पर तंबू तान के या कभी सरकारी संस्थाओं के द्वारा बाढ़ राहत शिविर लगाया जाता है तो उसमें जाकर शरण लेते हैं और बाढ़ पानी के वापसी तक ही अपना गुजर-बसर करते हैं ।
आज डाक बंगला चौक पर जान प्रतिनिधियों से बाढ़ संबंधी वार्तालाप में अनुमंडल पदाधिकारी एस जेड हसन के बीच हुई जिस में श्री हसन ने कहा कि क्षेत्र का निरीक्ष किया गया है निरीक्षण से यह पता चला है कि बाढ़ का पानी आया है. लेकिन भयावह नही है खेत खलिहान में पानी है लेकिन लोगों के घर मे पानी नही है। आंशिक रूप से कुछ घरों में पानी है। वैसे लोगों को आंशिक रूप से सूखा खाद्यपदार्थ वो प्लाटिक देने की बात कहें हैं। फसल क्षति का भी कृषि विभाग निरीक्षण करेंगे उस का भी जो मुआवजा होगा दिया जाएगा लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे।
मौके पर चौसा पश्चिमी क्षेत्र के जिला परिषद अनिकेत मेहता, फुलौत पूर्वी पश्चिमी के मुखिया बबलू ऋषि देव पंकज मेहता, मोरसंडा के पंचायत समिति सदस्य मुकेश कुमार, मोरसंडा मुखिया दयानंद पासवान समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे.

चौसा प्रखंड के एक दर्जन गाँव बाढ़ के चपेट में, मुश्किल में लोग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 01, 2019
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